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कोरबा में 2 साल बाद बेटियों को मिलेगी साइकिल, स्कूल की दूरी ज्यादा होने से अब नहीं छूटेगी पढ़ाई

कोरोना महामारी के कारण सरस्वती साइकिल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ रही बेटियों को साइकिल वितरण की योजना पर ब्रेक लगा हुआ था. अब जाकर साइकिल वितरण का रास्ता साफ हुआ है.

Saraswati Cycle Scheme in Korba
कोरबा में 2 साल बाद बेटियों को मिलेगी साइकिल

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Published : Feb 9, 2022, 8:52 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 11:38 PM IST

कोरबा: शासन ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रही बेटियों को साइकिल वितरण करने के आदेश दिए हैं. उम्मीद है कि फरवरी महीने के अंत तक साइकिल बांट दी जाएगी. कोरबा जिले में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 15 हजार से अधिक बेटियों को साइकिल मिलेगी। जिससे वह दूरी ज्यादा होने पर भी स्कूल तक का रास्ता साइकिल के जरिए तय कर सकें.

बेटियों को साइकिल का वितरण

9वीं कक्षा की छात्राओं को दी जाती है साइकिल

सरस्वती साइकिल योजना की परिकल्पना खास तौर पर हाई व हायर सेकेंडरी पहुंचने वाली बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए की गई थी. जिसके तहत आठवीं के बाद नवमी कक्षा में पहुंचने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलता है. जिले में इस वर्ष 15 हजार 821 छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना का लाभ मिलेगा. वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021- 22 के लिए आवंटन मिला है. इनमें से आधी छात्राएं दसवीं कक्षा में पहुंच चुकी हैं. जबकि आधी छात्राएं अभी 9वीं कक्षा में पढ़ रही हैं.

कोरोना के कारण सरस्वती साइकिल योजना पर पूरी तरह से ग्रहण लग चुका था. जिसके बाद अब जाकर 2 साल के साइकिलों का वितरण एक साथ किया जाएगा. पिछले 4 वर्षों से सरस्वती साइकिल योजना सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. 2 साल तक साइकिल की राशि छात्राओं के खातों में ट्रांसफर की गई थी. लेकिन इस वर्ष अब छात्राओं को साइकिल दी जा रही है. कंपनी द्वारा ब्लॉक स्तर पर साइकिल के पार्ट्स सप्लाई किए जाते हैं, जिन्हें असेंबल्ड करने के बाद स्कूल स्तर पर साइकिल का वितरण होता है.

जिले में 5 ब्लॉक, कई स्कूल बेहद दुर्गम क्षेत्रों में

कोरबा संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत ट्राइबल जिला घोषित है. कोरबा जिले में वर्तमान में 5 ब्लॉक हैं. पोड़ी उपरोड़ा, करतला और कोरबा विकासखंड के कई इलाके सुदूर वनांचल में बसे हुए हैं. प्राथमिक के बाद माध्यमिक की पढ़ाई भी गांव के समीप हो जाती है. लेकिन सरकारी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या सीमित है. इसके लिए बच्चियों को 5 से 10 किलोमीटर तक का फासला तय करना पड़ता है. दूरी अधिक होने के कारण बच्चियां पैदल स्कूल नहीं पहुंच पाती और पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं. इसी बात के मद्देनजर सरस्वती साइकिल योजना की शुरुआत हुई थी. जिले में साइकिल पाकर छात्राओं को राहत मिलेगी. दूर तक का सफर पैदल तय करने से उन्हें निजात मिलेगी.

अक्सर सत्र बीतने के बाद मिलती है साइकिल

शासन से फरवरी माह में साइकिल वितरण का आदेश जारी किया गया है. स्कूल का पूरा सत्र लगभग समाप्त हो चुका है. मार्च में परीक्षायें शुरू हो जाएंगी. अक्सर जब भी साइकिल वितरण किया जाता है, तब ज्यादातर समय में सत्र समाप्त हो चुका होता है. ऐसे में छात्राओं को अगले वर्ष से ही इस योजना का लाभ मिल पाता है. साइकिल वितरण के कार्य में प्रशासनिक अधिकारी काफी समय जाया कर देते हैं. वर्तमान में भी सत्र बीत चुका

Last Updated : Feb 9, 2022, 11:38 PM IST

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