कोरबा: अपनी लापरवाही स्वीकार करते हुए आखिरकार CSEB प्रबंधन ने अहिरन नदी से राख की सफाई शुरू कर दी है. ETV भारत की खबर के बाद पर्यावरण विभाग हरकत में आया और अहिरन नदी का निरीक्षण किया गया.
अफसरों ने जांच में पाया कि CSEB वेस्ट 500 मेगावाट पावर प्लांट के डिंडोलभाठा स्थित राखड़ डैम से अहिरन नदी में बेतरतीब मात्रा में राख छोड़ा गया है. जिससे नदी में लगभग 1 फीट मोटी राख की परत जम चुकी है. इसे गंभीर लापरवाही की श्रेणी में रखते हुए, पर्यावरण विभाग ने प्रबंधन को डायरेक्शन जारी कर दिया है. हाल ही में ETV भारत ने डिंडोलभाठा स्थित राख डैम से हसदेव की सहायक अहिरन नदी में राख छोड़े जाने के मुद्दे को प्रमुखता से दिखाया था.
15 दिन के अंदर नदी से राख साफ करने निर्देश
पहले तो CSEB प्रबंधन ने अपनी गलती मानने से इंकार किया, लेकिन मौके पर जांच करने पहुंचे पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक राजेन्द्र वासुदेव और सहायक अभियंता विजय सिंह पोर्ते ने पाया कि राख डैम से भारी मात्रा में राख नदी में छोड़ा गया है. इसके लिए CSEB प्रबंधन के अधिकारियों को तत्काल नदी की सफाई करने के निर्देश दिए. विभाग ने डायरेक्शन जारी कर 15 दिन के अंदर नदी से राख साफ करने को कहा गया है.
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
किसी उद्योग को पर्यावरण विभाग द्वारा डायरेक्शन जारी किए जाने का मतलब होता है कि यह संबंधित उद्योग को बंद करने के पूर्व अंतिम चेतावनी है. डायरेक्शन गंभीर लापरवाही बरतने पर ही जारी किया जाता है. पर्यावरण विभाग की मानें तो CSEB प्रबंधन ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. इसके लिए एक अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है. फिलहाल CSEB प्रबंधन ने जेसीबी और ट्रैक्टर के माध्यम से नदी से राख साफ करने का काम शुरू कर दिया है.