कोरबा:लॉकडाउन की विपरीत परिस्थितियों में सरकार की कम से कम एक सुविधा ऐसी है, जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं गली मोहल्लों में घूम कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली मोबाइल मेडिकल वैन की. मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से मोबाइल मेडिकल वैन का संचालन किया जा रहा है. जिससे जनता को काफी मदद मिल रही है.
कोरबा में वरदान साबित हो रही मोबाइल मेडिकल वैन जब कर्फ्यू जैसे हालात हो, कोरोना संक्रमण भयावह रूप में चारों ओर फैला हो और सार्वजनिक परिवहन के सारे संसाधन बंद हो. तब यह योजना डॉक्टर्स को आपके घर तक ला रही है. इतना ही नहीं इस योजना के तहत 41 तरह के मेडिकल टेस्ट हो रहे हैं. 120 तरह की दवाओं का वितरण भी नि:शुल्क हो रहा है.
अब इसी के जरिए घर-घर वैक्सीनेशन की भी शुरुआत
मोबाइल मेडिकल वैन से अब तक गली मोहल्लों में जरूरतमंदों को प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल रही थी. अब इसके जरिए वैक्सीनेशन की भी शुरुआत हुई है. कोरोना का टीका भी अब लोगों के घर-घर जाकर लगाया जा रहा है. पिछले 4 दिनों में मोबाइल मेडिकल वैन की मदद से 1430 लोगों को टीका लग चुका है.
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इस तरह काम कर रही है मोबाइल मेडिकल वैन
छत्तीसगढ़ में साउथ इंडिया की एक कंपनी ने इस काम का ठेका लिया हुआ है. जो कि सरकार के लिए काम करती है. इस वैन में मेडिकल लाइन मैप, एमबीबीएस डॉक्टर सहित लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट भी मौजूद रहते हैं. कर्मचारियों की नियुक्ति हो या फिर अन्य सुविधाएं और व्यवस्थाएं सभी पूरी तरह से इसी निजी कंपनी के अधीन हैं. लेकिन योजना की मॉनिटरिंग नगरीय प्रशासन विभाग करता है. नगर निगम के कर्मचारी 1 दिन पहले संबंधित क्षेत्र में मितानिन और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से मोबाइल मेडिकल वाहन कहां और किस क्षेत्र में मौजूद रहेगी इसकी सूचना देते हैं. सूडा (State Urban Development Agency) के एक कर्मचारी को जिले की जवाबदेही दे दी गई है. जो इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रबंधन करते हैं.
41 तरह के मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं
स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मेडिकल वैन गली मोहल्लों में जाकर 41 तरह के मेडिकल टेस्ट करती है. जिसमें हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, ईसीजी, यूरिन कल्चर जैसे कई तरह के टेस्ट होते हैं. जिससे सीजनल बीमारियों और अन्य इंफेक्शन का पता चलता है. कई बेहद जरूरी टेस्ट भी होते हैं, जिनके लिए निजी लैब भारी-भरकम रकम भी वसूलते हैं. ज्यादातर टेस्ट के परिणाम 1 से 2 घंटों के भीतर आम लोगों को मिल जाते हैं. जबकि कुछ टेस्ट के रिजल्ट आने में 1 से 2 दिनों का समय लगता है. जिन टेस्ट के रिजल्ट में 1 से 2 दिन का समय लगता है. उसके लिए मरीजों के मोबाइल नंबर टीम अपने पास रख लेती है. अगले दिन कॉल कर उन्हें रिपोर्ट सौंप दी जाती है.
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स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी नहीं मिलते MBBS डॉक्टर
इस योजना में स्वास्थ्य विभाग का कोई योगदान नहीं है. स्वास्थ्य विभाग केवल योजना में सामंजस्य बिठाने तक ही सीमित है. यह पूरी तरह से निजी कंपनी के अधीन है और डॉक्टर की नियुक्ति भी कंपनी की तरफ से की जाती है. नगर निगम सिर्फ इस योजना की मॉनिटरिंग करता है और आंकड़े पेश करता है.योजना कितनी उपयोगी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी MBBS डॉक्टर नहीं मिलते. लेकिन प्रत्येक मोबाइल मेडिकल वैन में एक MBBS डॉक्टर मौजूद रहता है. जो मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है. गरीब तबके से आने वाले लोगों के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं अब भी किसी सुनहरे सपने जैसी ही है. ऐसे में मोबाइल मेडिकल वैन गरीब जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
आंकड़ों पर एक नजर-
- जिले में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना 12 नवंबर 2020 से शुरू हुई
- नगर निगम के 8 जोन के 120 स्लम इलाकों को योजना में किया गया शामिल
- 8 मोबाइल मेडिकल वैन उपलब्ध, जो पूरे एरिया को करती है कवर, आगामी दिसंबर में 8 गाड़ियां और आने की संभावना
- अब तक 838 कैंप का हुआ आयोजन
- 42509 लोगों का इलाज और 11411 लोगों का किया गया मेडिकल टेस्ट
- अब तक 32756 लोगों को किया जा चुका है दवा का वितरण
- पिछले 4 दिनों में 1430 लोगों का कोरोना टीकाकरण किया गया