कोरबा: जिले में संचालित निजी और शासकीय कोविड अस्पतालों में किसी भी प्रकार की समस्या की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन अलग से कंट्रोल रूम बनाएगा. यह कंट्रोल रूम जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के सीधे नियंत्रण में संचालित होगा. अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों के साथ-साथ अस्पताल के डॉक्टर और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ भी अपनी किसी भी तरह की समस्या को इस कंट्रोल रूम में फोन करके बता सकेंगे.
कोविड अस्पतालों से प्राप्त समस्याओं को जिला प्रशासन यथासंभव तत्परता से कार्रवाई करते हुए निराकृत करेगा. कलेक्टर किरण कौशल ने जिला स्तर पर अगले दो दिनों में इस कंट्रोल रूम को फोन नंबर सहित जीवंत करने के निर्देश समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में दिए हैं. वर्तमान में संचालित कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में यदा-कदा भोजन, दवाई, इलाज, डॉक्टरों के वार्डों में राउंड, साफ-सफाई, इलाज के शुल्क, मेडिकल स्टाफ की समस्याओं के संबंध में मिलने वाली नकारात्मक सूचनाओं को कलेक्टर कौशल ने गंभीरता से लेते हुए यह व्यवस्था की है.
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अस्पताल स्टाफ भी बता सकते हैं अपनी परेशानी
बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कोविड मरीजों का इलाज करने वाले सभी शासकीय-निजी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में कंट्रोल रूम का फोन नंबर प्रदर्शित करने वाले फ्लैक्स अनिवार्य रूप से लगाए जाएं, ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर मरीज और अस्पताल स्टाफ आसानी से फोन कर अपनी समस्या जिला प्रशासन को बता सकें.
समस्या बताने वालों का नाम रखा जाएगा पूरी तरह गोपनीय
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि समस्या बताने वाले मरीज या मेडिकल स्टाफ का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा. इसके साथ ही अस्पताल में इलाज की व्यवस्था बेहतर करने के लिए समस्या का त्वरित निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि अस्पतालों के साप्ताहिक निरीक्षण के लिए भी प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित जिम्मेदारी दी जाए. प्रभारी अधिकारी हर हफ्ते में कम से कम एक बार अस्पताल के स्टाफ और भर्ती मरीजों से इलाज की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेंगे. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मरीजों और अस्पताल स्टाफ से हर गुरुवार शाम 4.30 बजे बात कर अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी लेंगे.