कोरबा :अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) लगातार सुर्खियों में रहा है. इस मद का कोरबा जिले में औसतन 300 करोड़ रुपये का सालाना फंड है, जिसे जिला स्तर पर विकास कार्य में खर्च किया जाता है. गाहे-बगाहे इस फंड से होने वाले कार्यों पर सवाल उठते रहते हैं. मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ही ग्राम पंचायत करतला के एक ठेकेदार ने अधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया. इतना ही नहीं 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं किये जाने के कारण वह डिप्टी कलेक्टर के समक्ष उनके कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गया. उसकी जिद थी कि जब तक उसे भुगतान की तारीख नहीं बताई जाती, वह धरने से नहीं उठेगा. इसको लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा. अंततः खूब मान-मनौव्वल के बाद किसी तरह ठेकेदार को धरने से उठाया जा सका.
ये है पूरा मामला
दरअसल, ठेकेदार नटवर शर्मा जिले के करतला विकासखंड के ग्राम करतला के साल 2015 से 2020 तक उपसरपंच रहे हैं. इस दौरान विभिन्न विकास कार्यों के लिए उन्होंने छड़, सीमेंट आदि ग्राम पंचायत को दिये. तीन अलग-अलग कार्यों में उन्होंने सामग्रियों की सप्लाई की. यह सभी कार्य डीएमएफ से स्वीकृत थे. लेकिन अब इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि इस काम को पूरा हुए सालों बीत चुके हैं.