कोरबा: वन मंडल कोरबा के जंगलों में भीषण आग लगी है. गर्मी के मौसम में जंगलों में लगने वाली आग वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए ना तो कई अग्रिम तैयारी की गई है. और न ही आग को फैलने से रोकने के लिए वन विभाग के पास कोई कारगर उपाय है. इस साल भी वन अमला मूकदर्शक बनकर हाथ पर हाथ धरे बैठा है. इस आग से वनोपज को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है.
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अजगरबहार और आस-पास के जंगलों में लगी आग
कोरबा वन मंडल और बालको रेंज के अजगरबहार, माखुरपानी चुइय और हल्दीमाड़ा सहित आस पास के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक आग फैल चुकी है. आग का फैलना लगातार जारी है. लेकिन वन अमले के पास आग को बुझाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो यह आग पिछले लगभग 1 हफ्ते से लगी हुई है. लेकिन वन अमले का कोई भी कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा है. जिससे ग्रामीणों को भी अब डर लगने लगा है.
वन संपदा को भारी नुकसान
दावानल का फैलाव जंगलों के लिए बेहद नुकसानदेह होता है. इससे वन संपदा को बेहद नुकसान पहुंचता है. तेंदूपत्ता, कोदो, कुटकी जैसे वनोपज जलकर नष्ट हो जाते हैं. साल, सागौन और बीजा जैसी कीमती इमारती लकड़ियों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. कोरबा जिला वनों के लिए ही जाना जाता है. कोरबा का क्षेत्रफल 7 लाख 14 हजार 544 हेक्टेयर है. जिसमें से 2 लाख 83 हजार 497 हेक्टेयर वन भूमि है. कोरबा जिले के कुल क्षेत्रफल के 40% हिस्से में वन है.