कोरबा: मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर (Modi government completes 7 years) कांग्रेस प्रदेशभर में विफलताओं को गिना रही ही. इसी कड़ी में प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बुधवार को पाली-तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा (pali tanakhar mla mohit kerketta) ने कोरबा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया से चर्चा करते हुए केरकट्टा ने मोदी सरकार के 7 वर्षों के कार्यकाल को विफल बताया. उन्होने कहा कि पीएम केयर्स फंड से बंदरबांट किया गया है. वेंटिलेटर से लेकर जो भी सामान राज्य को भेजा गया. उसके पैसे भी राज्य शासन को देने पड़े. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधायक मोहित केरकेट्टा ने शराबबंदी (prohibition of liquor in chhattisgarh) को लेकर बेतुका बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि शराब (liquor) अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है.
शराबबंदी को लेकर दिया बेतुका बयान
कोरबा पहुंचे पाली-तानाखार से कांग्रेस विधायक मोहित केरकेट्टा ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की 7 साल की नाकामी गिनाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शराबबंदी को लेकर पत्रकारों के सवाल पर विधायक केरकेट्टा ने बेतुका बयान दे दिया. दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने पूछा कि सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन यह अब तक अधूरा है. इसके जवाब में विधायक ने कहा कि कोरोना काल में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए शराब का उपयोग किया जा रहा है, इसलिए शराबबंदी के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा.
महापौर के टोकने के बाद बयान को सुधारा
मीडिया ने विधायक से सवाल किया कि छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व का प्रमुख स्त्रोत शराब है ?. जिसके जवाब ने मोहित केरकेट्टा ने कहा कि मुख्य स्त्रोत तो नहीं कहेंगे, लेकिन यह व्यवस्था के सुधार के लिए है. इस दौरान उनके ठीक बगल वाली सीट पर बैठे कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद यह भांप गए कि केरकेट्टा के मुंह से कुछ बेतुका निकल गया है. महापौर ने उनके कान में कहा कि 'धीरे-धीरे', महापौर की बात सुनते ही मोहित केरकेट्टा ने अपने बयान को संभाला और कहा कि धीरे-धीरे सरकार शराब को बंद करने की स्थिति में आ रही है.
संकल्प पत्र के वादे अभी अधूरे