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झीरम हमले के शहीदों को कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, बताया पार्टी के लिए बड़ी हानि

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Published : May 26, 2020, 11:38 AM IST

कोरबा के जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने झीरम घाटी हमले में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी. साथ ही उनकी शहादत को कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी हानि बताया.

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झीरम हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि

कोरबा:जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला कांग्रेस कार्यालय टीपी नगर में झीरम घाटी हमले में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम के शुरुआत में शहीद नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया, जिसके बाद शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

झीरम हमले में शहीद हुए नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल

श्रद्धांजलि सभा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. इस दौरान सीमित पदाधिकारियों ही उपस्थिति रहे. इस मौके पर महापौर राजकिशोर प्रसाद ने झीरम घाटी हमले को बड़ी चूक बताते हुए कहा कि इस हमले में हमने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हमेशा के लिए खो दिया है. उनकी शहादत से जो जगह खाली हुई है उसकी भरपाई मुश्किल है. महापौर ने आगे कहा कि नक्सल विचारधारा का अंत होना ही छत्तीसगढ़ के हित में है. 25 मई 2013 को हुई घटना ने सभी कार्यकताओं को हिलाकर रख दिया था. अब हमें दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा.

भाजपा पर साधा निशाना

जिला कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान ने झीरम हमले को आजाद भारत की सबसे बड़ी वारदात बताया है, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, योगेन्द्र शर्मा सहित अन्य कांग्रेस नेता और सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. सपना चौहान ने आगे कहा कि झीरम हमले ने राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी थी.

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सभापति श्यामसुंदर सोनी ने कहा कि झीरम घटना भाजपा के साजिश का हिस्सा था. तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इस घटना के जांच नहीं कराने के कारण कई तरह के सवाल खड़े होने स्वाभाविक है. महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कहा कि 6 वर्ष पहले जब यह घटना हुई, कांग्रेस के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बन रहा था. संभावित नतीजों को जान‌कार इस तरह का जाल बुना गया, जिससे छत्तीसगढ़ की राजनीति दागदार हो गई.

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