कोरबा: पिछले साल 4 अप्रैल की रात को कटघोरा में कोरोना का पहला मरीज मिला था. दिल्ली की तबलीगी जमात में शामिल किशोर कोविड-19 से संक्रमित यहां का पहला मरीज था. देखते ही देखते ये संख्या बढ़कर 8 हुई, फिर एक के बाद एक 31 लोग इस महामारी की चपेट में आ गए. इसके बाद कटघोरा छत्तीसगढ़ का पहला हॉटस्पॉट घोषित किया गया था. इस एक साल में यहां रहने वाले लोगों का रहन-सहन कितना बदला है, वे अब क्या सोचते हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने लोगों से खुलकर बात की.
365 दिन पीछे जाकर अगर हम आपको याद दिलाएं तो कटघोरा की मस्जिद वाली गली से लेकर पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. प्रशासन और पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी थी कि संक्रमण न फैले. करीब तीन हफ्ते के अंदर जो 31 मरीज मिले थे, वो कोर एरिया, मस्जिद वाली गली के रहने वाले थे. पूरे प्रदेश की नजरें कटघोरा पर टिकी थीं. बढ़ते मामलों ने स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार को भी सकते में ला दिया था. मरीजों को इलाज मिला, लेकिन एक साल में महामारी ने 131 जानें लील लीं.
छत्तीसगढ़ में एक साल बाद फिर कोरोना के वही हालात
लापरवाही के कारण फिर बढ़ रहे केस
एक साल बाद आज परिस्थितियां धीरे-धीरे सामान्य तो रही हैं, लेकिन अब एक बार फिर से बढ़ते केस ने परेशानी बढ़ा दी है. जिस तरह सालभर पहले महामारी की शुरुआत हुई थी, एक बार फिर से हम उसी जगह पर खड़े हैं. डर है कि हमारी लापरवाही एक बार फिर हम पर ही भारी न पड़ने लगे.
- 30 मार्च की रात को कोरबा में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. इसके बाद छत्तीसगढ़ में संक्रमितों की संख्या 8 हो गई थी.
- 4 अप्रैल को तबलीगी जमात का एक 16 वर्षीय किशोर पॉजिटिव मिला था, जिसे रातों-रात एम्स शिफ्ट किया गया था. जिले में कोरोना का ये दूसरा केस था.
- 8 अप्रैल की आधी रात को कोरोना पॉजिटिव किशोर के संपर्क में आने वाले एक और व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी, जो जिले का तीसरा मरीज बना. इसके बाद एक के बाद एक मस्जिद वाली गली से पॉजिटिव मरीज मिलते चले गए और संख्या 31 हो गई. कटघोरा प्रदेश का पहला हॉटस्पॉट बन गया.