कोरबा: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और उसकी रोकथाम के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लेने सोमवार की दोपहर कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचीं. जहां मरीजों की भीड़ देखकर वह भड़क गईं. तीखे लहजे में सिविल सर्जन से जवाब मांगते हुए, कलेक्टर ने तत्काल सिविल सर्जन से प्रशासनिक प्रभार छीन लिया. अब जिला अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्थाएं CMHO और कोरबा एसडीएम संभालेंगे.
अस्पताल में अव्यवस्था देख भड़कीं कलेक्टर जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं और मरीजों को 'जनता कर्फ्यू' वाले दिन जबरन डिस्चार्ज किए जाने वाले मुद्दे को ETV भारत ने भी 1 दिन पहले प्रमुखता से प्रसारित किया था, जिसके बाद सोमवार को कलेक्टर किरण कौशल अचानक जिला अस्पताल पहुंचीं. जिला अस्पताल में चार आइसोलेशन वार्ड बना लिए गए हैं. उन वार्डों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों सहित संक्रमित होने की दशा में कोरोना ग्रसित मरीज के इलाज के इंतजाम भी हैं.
सिविल सर्जन से छीना प्रशासनिक प्रभार अस्पताल की बदइंतामी से कलेक्टर नाराज
कलेक्टर किरण कौशल ने अस्पताल के भ्रमण के दौरान जब ओपीडी में मरीजों की लगी भीड़ देखी तब वह बेहद नाराज हुईं. सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से खासा नाराज दिखी. कलेक्टर ने अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर लोगों की भीड़ लगने को अनुचित मानते हुए मौके पर ही सिविल सर्जन डाॅ. तिवारी को फटकार लगाई. उन्होंने सभी डाॅक्टर्स को अपने-अपने कमरों में बैठकर निर्धारित समय में मरीजों की जांच और इलाज करने के निर्देश दिए.
अस्पताल में अव्यवस्था देख भड़की कलेक्टर चल रही थी मीटिंग इधर मरीजों की कतार
कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डाॅ. अरूण तिवारी और दूसरे डाॅक्टर्स के साथ बैठक कर रहे थे, जिसके कारण ओपीडी में डाॅक्टर उपस्थित नहीं थे, जिससे मरीजों की ओपीडी परिसर में भीड़ लग गई. मौके पर पहुंची कलेक्टर ने अस्पताल जैसी बेहद संवेदनशील जगह पर इतनी भीड़ देखकर गहरी नाराजगी जताई. कोरोना वायरस के संक्रमण से मौजूदा हालातों में अपने-अपने कक्षों में बैठकर मरीजों की सघन जांच करने के निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर ने अस्पताल स्तर पर किसी भी प्रकार की बैठक आयोजित नहीं करने के निर्देश दिया.
अस्पताल में अव्यवस्था देख भड़की कलेक्टर सिविल सर्जन से कलेक्टर ने छीना अधिकार
कलेक्टर ने सिविल सर्जन डाॅ. अरूण तिवारी के सभी प्रशासनिक अधिकारों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीबी बोडे और एसडीएम सुनील नायक को सौंप दिए गए हैं. अस्पताल में इस संबंध में सभी जरूरी इंतजाम, जांच उपकरणों और दवाओं की समुचित मात्रा में व्यवस्था के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल निर्देशित किया गया है.