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हसदेव बराज दर्री से भारी वाहनों के आवागमन पर कलेक्टर ने लगाया तत्काल प्रतिबंध

हसदेव बराज दर्री (Hasdeo Barrage Darri) के जर्जर हालात (dilapidated condition) को देखते हुए कलेक्टर (Collector) ने यहां भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही कलेक्टर रानू साहू (Collector Ranu Sahu) ने पुल के ऊपर से 20 टन से अधिक वजन के भारी वाहनों के आवागमन रोक लगा दिया है.

hasdeo barrage darri
हसदेव बराज दर्री से भारी वाहनों

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Published : Sep 24, 2021, 2:33 PM IST

कोरबाः कोरबा के हसदेव बराज दर्री (Hasdeo Barrage Darri) की जर्जर हालात (Dilapidated condition) के बावजूद यहां से भारी वाहनों के आवागमन (Heavy vehicular traffic) का लगातार विरोध होने के बाद आखिरकार कलेक्टर (Collector) ने यहां भारी वाहन पर प्रतिबंध लगा दिया. कलेक्टर रानू साहू (Collector Ranu Sahu) ने पुल के ऊपर से 20 टन से अधिक वजन के भारी वाहनों के आवागमन पर सीधे तौर पर प्रतिबंध (Sanctions) लगाया है.

वहीं, ये आदेश गुरुवार की शाम जारी कर इसे तत्काल प्रभाव (Immediate effect) से लागू करने की व्यवस्था (Enforcement mechanism) सुनिश्चित करने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि 1 दिन पहले ही युवा कांग्रेस (Youth congress) ने पुल पर आंदोलन (Protest) किया था और पुल पर भारी वाहनों पर रोक लगाने का ज्ञापन स्थानीय प्रशासन (Local administration) को सौंपा था. इसके पहले में आम आदमी पार्टी और जन संगठन से जुड़े कार्यकर्ता भी लगातार इस मुद्दे को लेकर सक्रीय रहे हैं.

प्रतिबंध के बाद रहेगी ये व्यवस्था

बताया जा रहा है कि जिला दण्डाधिकारी रानू साहू ने दर्री के हसदेव बराज ब्रिज से 20 टन से अधिक वजन के खाली या लोडेड भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध नगर निगम आयुक्त, जिला परिवहन अधिकारी और डीएसपी यातायात द्वारा दी गई संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट और हसदेव बराज के कार्यपालन अभियंता के तकनीकी प्रतिवेदन के आधार पर लगाया गया है. ऐसे में अब हसदेव बराज पुल से आगामी आदेश तक 20 टन से अधिक वजन के खाली या लोडेड भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होगी. प्रतिबंध के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित कर दिए गए हैं.

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इन्हें मिलेगी अनुमति

हसदेव बॅराज से भारी वाहन आवाजाही पर प्रतिबंध के बाद रायगढ़, चांपा से आने वाले वाहन उरगा-रेलवे क्रासिंग-बरबसपुर बाईपास से होकर रिस्दी-बालको-रूमगरा से ध्यानचंद चौक होते हुए सी.एस.ई.बी. चौक से स्टेडियम तिराहा-राताखार बाईपास मार्ग से सर्वमंगला ब्रिज-कुसमुण्डा की ओर जाएंगे. इसी तरह रायगढ़ चाम्पा की ओर जाने वाले वाहनों को कुसमुण्डा, सर्वमंगला ब्रिज, राताखार बाईपास मार्ग, स्टेडियम तिराहा, सी.एस.ई.बी. चौक से ध्यानचंद चौक, रूमगरा, बालको से रिस्दी चौक होकर बरबसपुर बाईपास मार्ग से रेल्वे क्रासिंग उरगा रायगढ़ एवं चाम्पा की ओर परिवहन की अनुमति रहेगी.

20 टन से कम अनलोडेड को मिलेगी अनुमति

इसके साथ ही रायगढ़ चाम्पा से आने वाले 20 टन से कम के अनलोडेड (खाली) भारी वाहन उरगा, रेल्वे क्रासिंग बरबसपुर बाईपास से होकर रिस्दी, बालको, रूमगरा से ध्यानचंद चौक होते हुए हसदेव दर्री बरॉज से गेरवाघाट, राताखार बाईपास मार्ग से सर्वमंगला ब्रिज कुसमुण्डा की ओर एवं ध्यानचंद चौक से सी.एस.ई.बी. चौक होकर स्टेडियम तिराहा, राताखार बाईपास मार्ग से सर्वमंगला ब्रिज कुसमुण्डा की ओर परिवहन की अनुमति रहेगी. भारी वाहन जो 20 टन से कम के है, वापसी के लिए भी उपरोक्त मार्ग का उपयोग कर सकेंगे.अंबिकापुर, कटघोरा से आने वाले 20 टन से अधिक (लोडेड) भारी वाहनों को हसदेव बरॉज ब्रिज के पहले गेरवाघाट से होकर राताखार बाईपास मार्ग से स्टेडियम तिराहा से होकर सी.एस.ई.बी. चौक से ध्यानचंद चौक, रूमगरा, बालको, रिस्दी, बरबसपुर बाईपास मार्ग से उरगा, रायगढ़ चाम्पा की ओर जाएंगे. भारी वाहनों को जो 20 टन से कम के है, दर्री बरॉज, ध्यानचंद चौक से रूमगरा बालको, रिस्दी, बरबसपुर बाईपास मार्ग से उरगा, रायगढ़ चाम्पा की ओर परिवहन की अनुमति रहेगी.

1967 में बना था पुल

बताया जा रहा है कि हसदेव नदी पर दर्री बराज पुल का निर्माण 1967 में पूरा हुआ था. 6 दशक पहले तक जिले में भारी वाहनों का इतना दबाव नहीं था. तब की परिस्थितियों के हिसाब से ही पुल का निर्माण किया गया था. यहां से उद्योगों को पानी मिलने के साथ ही दाएं तट और बाएं तट नहर के जरिये खेतों को सिंचाई की सुविधा दी जाती है.

पुल पर क्षमता से कहीं अधिक दबाव

यह पुल जिले के पश्चिम क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है. समय के साथ ही जिले का विकास हुआ. कोरबा ऊर्जाधानी के तौर पर प्रदेश में स्थापित हुई. लेकिन पुल का उद्धार नहीं हो सका. पुल पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. अधिकतम निर्धारित क्षमता 30 टन होने के बाद भी यहां से 60 टन तक वजनी भारी वाहन लगातार आवागमन कर रहे हैं. पुल पर क्षमता से कहीं अधिक दबाव है. ऐसे में किसी अनहोनी से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. पुल का जल ग्रहण क्षेत्र 7723 वर्ग किलोमीटर है. जहां बाढ़ नियंत्रण के लिए 1 लाख क्यूसेक पानी रोका जा सकता है. हसदेव पुल पर बने बांध का अधिकतम जलस्तर 291 मीटर है, जबकि पुल लंबाई 283 मीटर है. पुल के ऊपर की सड़क के अलावा दोनों तरफ की कनेक्टिंग सड़क भी बुरी तरह से जर्जर है.

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