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कोल इंडिया के डेढ़ लाख कर्मचारी रिटायर, आईटीआई अप्रेंटिस संघ कर रहा स्थाई नियुक्ति की मांग

कोल इंडिया (Coal India) के 8 अनुषांगिक कंपनियों में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारी रिटायर (1.5 lakh employees retire) हो चुके हैं. बीते 2 से 3 दशकों में खदानों का विस्तार भी 10 गुना तक हो चुका है, लेकिन अब ज्यादातर काम आउटसोर्सिंग (outsourcing) के जरिए लिया जा रहा है. जिसकी वजह से नियमित पदों पर भर्ती अटकी हुई है.

ITI apprentice union is demanding permanent appointment
आईटीआई अप्रेंटिस संघ कर रहा स्थाई नियुक्ति की मांग

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Published : Nov 3, 2021, 7:15 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 7:46 PM IST

कोरबाः भारतीय आईटीआई अप्रेंटिस संघ (Association of ITI Apprentices of India) अप्रेंटिस (Apprentices) कर चुके उम्मीदवारों को कोल इंडिया (Coal India) कंपनी में स्थाई नियुक्ति प्रदान करने को लंबे समय से मांग कर रहा है. संघ का साफ तौर पर कहना है कि पूर्व में अप्रेंटिस कर चुके उम्मीदवारों को एसईसीएल (SECL) ने नियुक्ति प्रदान की है. ये प्रक्रिया आगे भी जारी रहनी चाहिये, जबकि एसईसीएल प्रबंधन (SECL Management) के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केवल अपरेंटिस के आधार पर कोल इंडिया में स्थाई नियुक्ति का कोई प्रावधान ही नहीं है. वहीं, इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है.

कोल इंडिया के डेढ़ लाख कर्मचारी रिटायर

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बता दें कि यहां 25 हजार उम्मीदवार ऐसे है जो अप्रेंटिस अलग-अलग विधाओं में पूरी कर चुके हैं.आईटीआई (ITI ) करने वाले युवा औद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिस करते हैं. दरअसल, यह एक तरह का प्रशिक्षण होता है. जिसके लिए बाकायदा कंपनी वैकेंसी निकलती है.जिसके बाद पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है. फिर कंपनियां उन्हें प्रशिक्षण देती है. इसके बदले में उम्मीदवारों को एक तयशुदा राशि स्टाइपेंड के तौर पर प्रदान की जाती है, जो कि बेहद कम राशि होती है. लेकिन ये स्थाई नियुक्ति नहीं होती.

अधिकतम 11 माह का होता है अप्रेंटिस

बताया जा रहा है कि अधिकतम 11 माह का अप्रेंटिस किसी औद्योगिक संस्थान में किया जा सकता है. विभिन्न औद्योगिक इकाइयां युवाओं को अप्रेंटिस करवाया जाता है. वहीं, कोल इंडिया में अप्रेंटिस कर चुके उम्मीदवारों की संख्या वर्तमान में 25 हजार है. ऐसे में ये सब अब कंपनी में स्थाई नियुक्ति की मांग कर रहे हैं.

आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिए जाने से भी युवा नाराज

बता दें कि कोल इंडिया के 8 अनुषांगिक कंपनियों में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं. बीते 2 से 3 दशकों में खदानों का विस्तार भी 10 गुना तक हो चुका है, लेकिन अब ज्यादातर काम आउटसोर्सिंग के जरिए लिया जा रहा है. जिसकी वजह से नियमित पदों पर भर्ती अटकी हुई है. रिटायर हो चुके कर्मचारियों के बदले युवाओं को नियुक्ति नहीं दी जा रही है. इस वजह से युवाओं में अधिक आक्रोश है.

80 और 90 के दशक में दी गई थी नियुक्ति

बताया जा रहा है कि ये नियुक्ति 80 और 90 के दशक में जब कोल इंडिया के अधीन कंपनियों ने कोयले का उत्खनन शुरू किया था तब की गई थी. हालांकि तब परिस्थितियां बिल्कुल अलग थीं. नौकरी करने वालों को ढूंढना पड़ता था. मैट्रिक पास लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता था और बाद में उन्हें ही रेगुलर कर दिया जाता था. लेकिन वर्तमान समय में अप्रेंटिस संघ के जो आंदोलन चल रहे हैं. वह पुराने समय का हवाला देकर भी चलाया जा रहा है. लेकिन प्रबंधन की माने तो किसी भी एक्ट के तहत ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, जिसके तहत अप्रेंटिस करने के बाद किसी युवा की स्थाई नियुक्ति दी जा सके.

वर्तमान में भर्तियां कंपटीशन परीक्षा के आधार पर

वहीं, अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो वर्तमान में कोल इंडिया लिमिटेड की सभी कंपनियों में कंपटीशन एग्जाम के आधार पर ही भर्तियां ली जा रही हैं, लेकिन आईटीआई अप्रेंटिस संघ की मांग है कि अप्रेंटिस करने वाले युवाओं को कंपनी में नियमित किया जाए. उन्हें स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाए. अप्रेंटिस संघ ने न सिर्फ एसईसीएल बल्कि कोल इंडिया की कई कंपनियों में जाकर लगातार आंदोलन किया है. अब तक उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है.

इस संबंध में मिला है आवेदन

इस विषय में एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र का कहना है कि भारतीय आईटीआई अप्रेंटिस संघ के पदाधिकारी समय-समय पर आवेदन करते हैं. वह स्थाई नियुक्तियों की मांग करते हैं. उनका आवेदन एसईसीएल के पास भी मौजूद है. नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल नियुक्ति देने के विषय पर कोई सहमति नहीं बनी है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 7:46 PM IST

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