कोरबा :भूपेश बघेल ने शुक्रवार शाम सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. उन्होंने प्रदेश में बारिश के कारण निर्मित बाढ़ की परिस्थतियों और ओला वृष्टि से हुए नुकसान को लेकर अधिकारियों से बातचीत की. सीएम बघेल ने भारी बारिश, वज्रपात एवं आंधी से हुई जनहानि, फसलहानि, पशुहानि या संपत्ति आदि की हानि का विस्तृत आंकलन कर जल्द मुआवजा सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
'जिले में स्थिति नियंत्रण में'
समीक्षा के दौरान कलेक्टर किरण कौशल ने कोरबा जिले में अतिवृष्टि से बनी स्थितियों और प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत की जानकारी दी. कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के बाद भी कोरबा जिलें में स्थिति नियंत्रण में है. प्रशासन अतिवृष्टि से बनने वाली किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव आरपी मंडल सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
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बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाने के इंतजाम
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान सभी जिलों के कलेक्टरों को सबसे पहले बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए है. उन्होंने निर्देशित किया कि पानी से घिरे जलभराव वाले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनने पर नाव आदि सभी जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों और दवाओं के साथ आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षित दलों को रेस्क्यू के लिए लगाया जाए. बघेल ने ऐसे सभी क्षेत्रों में पर्याप्त राहत शिविरों के संचालन और उनमें जरूरी इंतजाम भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने सभी रेस्क्यू ऑपरेशनों और राहत शिविरों में कोविड संक्रमण को ध्यान में रखकर ही गतिविधियां संचालित करने को भी कहा है. सीएम ने बाढ़ या पानी उतरने के बाद इलाके में लोगों को किसी भी संभावित महामारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण और पर्याप्त दवाइयों आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. उन्होंने नगरीय प्रशासन तथा पीएचई विभाग के अधिकारियों को सभी इलाकों में साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
कोरबा के हालात
- जिले में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से जिले की अहिरन, मांड, सोन, लीलागर से लेकर हसदेव नदी तक में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है.
- सभी निचले और जलभराव की संभावना वाले इलाकों पर नजर रखी जा रही है और स्थानीय लोगों से फोन कर जानकारी ली जा रही है.
- जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है. भारी बारिश के कारण जिले में 840 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिसके लिए प्रभावितों को राहत पहुंचाने लगभग 41 लाख रुपये के मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है.
- अतिवृष्टि के कारण जिले में पाली विकासखण्ड में लगभग 27 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. पहाड़ों की मिट्टी खिसकने से पानी के साथ बहकर मिट्टी खेतों मे जमा हो गई है. लगभग 2 लाख रुपये के मुआवजा प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं.
- जिले में भारी बारिश के कारण पुल-पुलिया आदि को कोई नुकसान नहीं हुआ है. स्थिति नियंत्रण में है. किसी भी विकासखण्ड में बाढ़ के कारण लोगों के फंसे होने या राहत शिविरों में लाकर रखने की स्थिति अभी तक नहीं बनी है.