कोरबा : रेलवे स्टेशन के विपरीत दिशा में लगभग सवा करोड़ की लागत से बने सेकेंड एंट्री को बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए लोगों को 3 से 4 किलोमीटर तक घूमकर जाना पड़ता है.
रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री 1 जून 2016 को शुरू हुई सेकेंड एंट्री की सुविधा शहर के लोगों को अब तक नहीं मिल रही है. 3 साल पहले कोरबा रेलवे स्टेशन के पीछे सवा करोड़ की लागत से सेकेंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. इसके 8 महीने बाद ही रेलवे ने सेकेंड एंट्री बंद कर दी थी. हाल ही में बिलासपुर जोन के अधिकारी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस रास्ते पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन(ATVM) भी लगाई गई, लेकिन कुछ दिन बाद ही इस सुविधा को भी बंद कर दिया गया.
रेलवे प्रशासन का कहना है कि जब तक बड़ी संख्या में यात्री टिकट लेकर इस रास्ते से यात्रा नहीं करते, तब तक ये सुविधाएं बढ़ाना संभव नहीं होगा.
जाम से होती है यात्रियों को परेशानी
टीपी नगर से गुजरी रेल लाइन औद्योगिक रेल लाइन है. जिससे सिर्फ कोयले का ही परिवहन पावर प्लांटों को किया जाता है. शहर में लगे तीन फाटक हर 10 से 15 मिनट में बंद होते हैं. जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. सेकेंड एंट्री से शहर के आधे भाग में रहने वाले लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पहुचने की राह आसान होगी. फिलहाल सेकेंड एंट्री पूरी तरह से बंद है. वहीं रेलवे के अफसर इस मामले में बचते हुए नजर आ रहे हैं.