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छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति मनाएगी धूमधाम से हरेली

छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति ( Chhattisgarh Mahtari Culture Promotion Service Committee) ने हरेली पर्व को धूमधाम से मनाने का निर्मणय लिया है. जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है.

Chhattisgarh Mahtari Culture Promotion Service Committee
छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति मनाएगी धूमधाम से हरेली

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Published : Jul 25, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Jul 25, 2022, 9:13 PM IST

कोरबा :छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति ने 28 जुलाई को धूमधाम से हरेली पर्व मनाने का निर्णय लिया (Hareli festival in Chhattisgarh) है. समिति पिछले 18 वर्ष से हरेली के दिन उत्सव आयोजित करते आ रही है. इस वर्ष भी दर्री-कोरबा मुख्य रोड पर भवानी मंदिर के समीप बने छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर के प्रांगण में उत्सव का आयोजन होगा. जहां कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल (cabinet minister jaisingh agarwal) के साथ ही प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कलाकार दुष्यंत हरमुख (Chhattisgarhi artist Dushyant Harmukh) अपनी प्रस्तुति देंगे. समिति का यह भी दावा है कि "छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के वर्तमान स्वरूप का सबसे पहले उपयोग हमने ही किया था. जिसे अब जाकर सरकार ने भी अपनाया है.''


संस्कृति को बढ़ावा देने वर्षों से प्रयासरत :छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान ने बताया की "हम विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए हमने लगातार सरकार से मांग की है. लेकिन हमें सरकारों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. हमने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को पेटेंट करा कर राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रचलन की बात कही थी. इसके बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने गढ़ कलेवा की शुरुआत की है".

छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति मनाएगी धूमधाम से हरेली
कैबिनेट मंत्री होंगे मुख्य अतिथि :अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विगत 18 वर्षों से हरेली पर्व पर छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना करते (Worship of Chhattisgarhi Mahtari in Hareli festival) हैं. इस दिन कई प्रकार के खेल का भी आयोजन होगा. हमें पिछले 18 वर्षों से स्थानीय विधायक और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल का सहयोग मिलता रहा है. इस वर्ष भी वही हमारे आयोजन में मुख्य अतिथि होंगे.छत्तीसगढ़ का इतिहास बेहद समृद्ध लेकिन पाठ्यक्रम में शामिल नही : प्रधान ने बताया कि "छत्तीसगढ़ के इतिहास के बारे में जब हम अपने बच्चों को बताते हैं, फिर चाहे वह केंवटिन बिलासा बाई हो या फिर अन्य स्वतंत्र सेनानी. तब हमारे बच्चे भी हमसे सवाल पूछते हैं कि इतना विशाल इतिहास लेकिन पाठ्यक्रम में शामिल नहीं? इस बात की हमें भी पीड़ा है.छत्तीसगढ़ का इतिहास बेहद वृहद एवं समृद्ध है. लेकिन इसे पाठ्यक्रम में आज तक शामिल नहीं किया गया है.इस दिशा में सरकारों ने कोई प्रयास नहीं किया.
Last Updated : Jul 25, 2022, 9:13 PM IST

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