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बालोद में चिटफंड के 32164 निवेशकों को मिलेंगे पैसे, सरकार ने संभाली जिम्मेदारी

चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों में पैसे लौटने की उम्मीद जागी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी निवेशकों के पैसे वापस करने का निर्णय किया है.

chit fund company investors
चिटफंड कंपनी के निवेशक

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Published : Aug 7, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 7:19 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ सरकार ने यहां पर चिटफंड कंपनियों के निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्णय लिया है. जिसके बाद से जिले के संबंधित कार्यालयों में निवेशकों की लंबी- लंबी लाइने देखी जा सकती है. निवेशक अपने पैसो को वापस पाने के लिए सभी दस्तावेजों के साथ यहां पर पहुंच रहे हैं. निवेशकों की संख्या को देखते हुए आगे की तिथि को बढ़ा दिया गया है. पहले 6 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने थे. लेकिन अब इसकी तारीख बढ़ाकर 20 अगस्त तक कर दी गई है.

निवेशकों को मिलेंगे पैसे

बालोद जिले में 32,164 निवेशकों द्वारा पैसा निवेश किया गया था. अनुविभागीय अधिकारी, कार्यालय तहसील कार्यालय, तहसील मुख्यालयों में अलग-अलग संबंधित कार्यालय बनाए गए हैं.

करोड़ों में है राशि

बालोद जिले में निवेशकों द्वारा निवेश की गई राशि का आंकड़ा करोड़ों में है. यहां पर लगभग 135 करोड़ 88 लाख रुपए का निवेश किया गया है. निवेशकों द्वारा अपने पैसे तो निवेश कर दिए गए लेकिन उन पैसों को वापस निकालने में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने इन निवेशकों के डूबते पैसों को वापस दिलाने का निर्णय किया है. जिससे निवेशकों में पैसे वापस लौटने की उम्मीद जागी है. यहां पर लगभग 17 कंपनियों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों ने लोगों के साथ निवेश किया है. जिसमें से ज्यादातर मामले बालोद जिले के थे और बालोद पुलिस ने ही इन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी.

राजनांदगांव में रकम वापसी के लिए चिटफंड कंपनियों के निवेशकों की लगी भीड़

निवेशकों की भीड़ तहसील कार्यालयों में बढ़ रही है. जिसके बाद निवेशकों को 20 अगस्त तक कार्यालय में आने को कहा है. जिससे थोड़ी भीड़ कम हो गई है. लेकिन निवेशकों की एक शिकायत है कि यहां पर जो भी दस्तावेज उनसे जमा कराए जा रहे हैं. उन्हें किसी भी तरह की पावती नहीं दी गई है. जिनसे उन्हें भविष्य में समस्या हो सकती है.

चिटफंड कंपनी के निवेशक

दरअसल निवेशकों ने जो दस्तावेज जमा किए हैं, उन्हें प्रूफ करने के लिए उनके पास और भी कोई साधन नहीं रहेगा. उन्हें उन आंकड़ों के बदले निवेशकों को एक रसीद देनी चाहिए ताकि उनका विश्वास सरकार पर बने रहे और निवेशकों को भी किसी तरह की भविष्य में समस्या नही हो. वह प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि रसीद की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द लौटाया जाए.

Last Updated : Aug 7, 2021, 7:19 PM IST

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