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कोरबा: 'सरकारी चावल के तोल में होता है गोलमोल, सिस्टम नहीं सुन रहा गुहार'

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Published : Feb 15, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 10:56 PM IST

छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है, जिसके तहत बीपीएल वर्ग से आने वाले परिवारों को एक रुपए किलो की दर से 35 किलो सरकारी चावल दिया जाता है, लेकिन उचित मूल्य की दुकान संचालक पर 32 किलो चावल देने का आरोप है.

Charges of giving less rice in fair price shop at korba
सरकारी चावल घटतौली का आरोप

कोरबा: उचित मूल्य की दुकान संचालक पर लोगों को तय सीमा के कम राशन देने का आरोप लगा है. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 52 की उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों ने दुकान संचालक पर 35 की जगह 32 किलो चावल देने का आरोप लगाया है. इसके पहले भी इस तरह की खबरें आ चुकी हैं, लेकिन प्रशासन इन गरीबों की गुहार नहीं सुन रहा है.

35 की जगह 32 किलो ही मिल रहा सरकारी चावल

छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है, जिसके तहत बीपीएल वर्ग से आने वाले परिवारों को एक रुपए किलो की दर से 35 किलो सरकारी चावल दिया जाता है, लेकिन सरकारी उचित मूल्य की दुकानों में संचालकों की मनमानी और विभाग की नाकामी के कारण निचले तबके के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता. हितग्राहियों को 35 किलो की जगह दो-तीन किलो कम 32 या 33 किलो चावल ही मिल रहा है.

इलाके के वार्ड क्रमांक 52 में उचित मूल्य की दुकान का संचालन श्री गणेश प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार में किया जाता है. इसका संचालक शशि गुप्ता है, जिस पर हितग्राहियों ने गंभीर आरोप लगाया है. कम चावल तौलने के साथ ही अन्य राशन सामग्रियों में भी कम तौलने का आरोप दुकान संचालक पर है.

नाम जुड़वाने के लिए मांगे 500 रूपये
वार्ड क्रमांक 51 से आई हितग्राही लगन बाई ने दुकान संचालक पर गंभीर आरोप लगाया. लगन बाई ने बताया कि 'मेरे पति की मृत्यु के बाद मुझे 35 किलो चावल मिल रहा था. गलती से मेरा कार्ड शशि गुप्ता के दुकान में जुड़ गया है. राशन मिलना भी बंद हो गया था. शशि ने कहा कि '500 रूपए में सत्यापन करवा दूंगा, जिसके बाद उसने रुपये भी ले लिए और मेरा सत्यापन भी नहीं हुआ'. वर्तमान में मुझे चावल नहीं मिल रहा है. शक्कर, चना जैसे अन्य खाद्य सामग्री भी मुझे नहीं मिल रही है'.

क्षमता से ज्यादा कार्डधारी
नियमों के अनुसार 500 कार्ड पर एक दुकान आवंटित की जा सकती है, लेकिन वार्ड क्रमांक 52 की दुकान में 2200 से अधिक राशन कार्डधारी हितग्राही हैं. जो यहां से सरकारी राशन लेने को मजबूर हैं. क्षमता से ज्यादा हितग्राहियों की संख्या होने के कारण दुकान से राशन लेने के लिए हितग्राहियों को मशक्कत करनी पड़ रही है.

कब सुधरेगी व्यवस्था
मामले में उचित मूल्य की दुकान संचालक शशि गुप्ता ने कहा कि 'कुछ हितग्राहियों के राशन में कम तोलने की शिकायत है, यह गलती से हुआ था. पार्षदों के सामने भी इसका सत्यापन करवा दिया गया है, जो भी थोड़ी बहुत अवस्था है, उसे सुधार लिया जाएगा'.

Last Updated : Feb 15, 2020, 10:56 PM IST

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