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जनपद सीईओ और रेंजर पर सरकार का एक्शन, भ्रष्टाचार के आरोपों में सस्पेंड - बांकीमोंगरा वन क्षेत्र

पंचायत और वन जैसे ग्रामीण क्षेत्र में विकास के लिए कार्यरत विभागों में काम करने वाले दो महत्वपूर्ण अधिकारियों पर शासन ने ठोस कार्रवाई की है. कोरबा जिले के एक रेंजर और जनपद सीईओ को अलग अलग आदेश जारी कर सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों पर वित्तीय अनियमितता का गंभीर आरोप हैं.

करतला जनपद पंचायत
करतला जनपद पंचायत

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Published : Nov 26, 2022, 8:52 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 11:37 AM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा में दो अफसर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. शुक्रवार का दिन जिले के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ शासन ने ठोस एक्शन लिया. सरकार ने वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोपों से घिरे दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. पहले आदेश के तहत जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ जीके मिश्रा तो एक अन्य आदेश में कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत कार्यरत रेंजर मृत्युंजय शर्मा को निलंबित किया गया है. दोनों अधिकारियों का निलंबन का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है.

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जनपद सीईओ पर इस तरह के आरोप:विवादित सीईओ जीके मिश्रा का निलंबन का आदेश जारी किया गया है. सीईओ पद पर पदस्थ जीके मिश्रा पर कोरोना काल के दौरान एकल हस्ताक्षर से लाखों रुपये का आहरण कर बंदरबाट करने का आरोप लगा था. जिसकी शिकायत रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने चुनाव आयोग से की थी.

शुक्रवार को उप सचिव एम रेसिया खेस्स आदेश जारी किया गया. जिसमें कहा गया है कि साल 2019-20 में सीईओ जीके मिश्रा पर जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत सीसी रोड निर्माण कार्यों, हाई स्कूल का अहाता निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का अभाव और गंभीर वित्तीय अनियमितता बरती गई है. मिश्रा का कृत्य पदीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही इसलिए राज्य शासन द्वारा जीके मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि में मिश्रा का मुख्यालय कार्यालय आयुक्त, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास इंद्रावती भवन नया रायपुर निर्धारित किया जाता है.

इस तरह के आरोपों में नपे रेंजर:कटघोरा वन मंडल के बांकीमोंगरा वन क्षेत्र में प्रतिबंध अवधि होने के बावजूद बांस के वृक्षों की कटाई कराने के मामले से सुर्खियों में आए रेंजर मृत्युंजय को वन विभाग ने निलंबित किया है. शर्मा पर आरोप है कि 1 करोड़ 38 लाख रुपये कीमत के पौधे लगाए बिना ही राशि का आहरण कर लिया गया है. पौधे लगाए भी गए तो वे 10 प्रतिशत से भी कम संख्या में जीवित बचे और रोपण असफल है. उस समय शर्मा पाली के डिप्टी रेंजर थे.

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि ग्रीन इंडिया वन प्रबंधन समिति चनवारीपारा, कर्रानवापारा कर्रा परसापानी में रोपण कार्य बताया गया है, लेकिन क्षेत्र में पौधे जीवित नहीं है. पौधों का जीवित प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी कम है. प्लांटेशन जनरल और माप पुस्तिका तत्कालीन सचिव ग्रीन इंडिया मिशन मृत्युंजय शर्मा द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया, रोपण असफल है. ग्रीन इंडिया मिशन परिक्षेत्र पाली, वनमंडल कटघोरा के 7 ग्रीन इंडिया मिशन वन प्रबंधन समितियों को आबंटित कक्ष क्रमांकों में कराए गए कार्य के लिए भारित राशि रुपए 4 करोड़ 51 लाख 40 हजार 54 रुपए में से राशि 1 करोड़ 38 लाख 14 हजार 503 रुपए अमान्य करने योग्य है.

जांच में पाया गया कि 4 करोड़ 51 लाख 40 हजार 54 रुपये के बताए गए कार्य में मौके पर 2 करोड़ 63 लाख 8 हजार 857 रुपये का कार्य भौतिक सत्यापित पाया गया. इस तरह 1 करोड़ 38 लाख से अधिक राशि का भुगतान कराए गए कार्य के एवज में ले लिया गया. 1 करोड़ 38 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप में ही मृत्युंजय शर्मा को प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने निलंबित किया है.

Last Updated : Nov 26, 2022, 11:37 AM IST

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