कोरबा:प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अव्यवस्थाओं के बीच बीजेपी के नेताओं ने सोमवार को वर्चुअल प्लेटफार्म पर प्रेस वार्ता की. कोरबा के पत्रकारों को पूर्व कलेक्टर और बीजेपी के वर्तमान प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी ने संबोधित किया. ओपी ने कोरोना वायरस के मोर्चे पर सरकार को विफल बताया. कहा कि एक तरफ इनके नेताओं ने वैक्सीन को महीनों तक डंप कराकर रखा है. वहीं अब वैक्सीन की मांग कर रहे हैं. कोरबा जैसे जिले में सीटी स्कैन की सुविधा तक नहीं है. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है. उन्होंने राज्य सरकार पर जनता की लाशों पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
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'डीएमएफ फंड का हो रहा बंदरबांट'
ईटीवी भारत द्वारा कोरबा जिले में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं होने के मुद्दे को ओपी चौधरी ने भी दोहराया. उन्होंने कहा कि पहले डीएमएफ का शत-प्रतिशत फंड केंद्र को जाता था. जिला स्तर पर इसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने डीएमएफ फंड जिलों को आवंटित किया है. कोरबा में भारी भरकम डीएमए की राशि मिलती है. इससे करोड़ों का फंड जिले को मिलता है. बावजूद इसके कोरबा जिले में सीटी स्कैन जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है. इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है. इससे पता चलता है कि फंड की बंदरबांट हो रहा है.
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'मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच तालमेल नहीं'
ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdev) के बीच तालमेल नहीं है. इनके बीच युद्ध चल रहा है. यह दोनों अपना अलग-अलग माफिया राज चला रहे हैं. चुनाव के पहले जो जय-वीरू की जोड़ी हुआ करती थी, वह टूट गई है. इनके माफिया राज के कारण प्रदेश की जनता पिस रही है. केंद्र की बुलाई बैठकों से भी मुख्यमंत्री नदारद रहे. सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मौजूद नहीं थे.