कोरबा : बीते एक महीने में कोरबा नगर निगम ने करीब 200 से ज्यादा टेंडर जारी किए हैं. इसे लेकर विपक्ष एक तरफ जहां सत्ता पक्ष के खिलाफ हमलावर हो गया है वहीं कांग्रेस समस्याओं के निराकरण के लिए निविदाएं निकाले जाने की बात कह रही है.
विपक्ष के पार्षदों के कहना है कि, 'लंबे समय से जो फाइलें बंद पड़ी थीं, उन कामों को नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले मंजूरी क्यों दी गई है'. विपक्ष का आरोप है कि, 'नगरीय निकाय चुनाव में फायदा लेने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा टेंडर जारी किए गए हैं'.
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'सरकार ने लोगों को पकड़ाया लॉलीपॉप'
विपक्ष का कहना है कि, 'शहर की सरकार ने लोगों को लॉलीपॉप पकड़ा दिया है, लेकिन काम कुछ नहीं होगा'. विपक्ष के पार्षद शिव अग्रवाल ने बताया कि, 'कई कामों को अब भी मंजूरी नहीं मिली है. छोटे-छोटे कामों को निगम की सत्ता में बैठे कांग्रेसियों ने रोक कर रखा है'. उन्होंने कहा कि, 'चुनाव में हार के डर से सैंकड़ों निविदाएं निकाल दी गई हैं, लेकिन सिर्फ असफलता ही हाथ लगेगी'.
'विपक्ष दिवालियापन का शिकार'
वहीं कांग्रेस का कहना है कि, 'विभिन्न कामों के लिए और जनहित समस्याओं के निवारण के लिए निविदाएं निकाली गई हैं, जिससे जनता की मांगें पूरी की जा सकें'. पार्षद और MIC सदस्य दिनेश सोनी ने बताया कि, 'विपक्ष नेतृत्व विहीन और दिमागी दिवालियापन का शिकार हो गया है. विपक्ष को यह नहीं समझ आ रहा है कि कौन से मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएं इसलिए हम पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं'.
200 से अधिक टेंडर जारी
दरअसल, नगर पालिक निगम कोरबा ने हालही में बीते 1 महीने में करीब 200 से अधिक टेंडर जारी किए हैं. इन सभी टेंडरों की तारीख भी सीमित अवधि के लिए खोली गई है, जिससे काम का भूमिपूजन जल्द कर लिया जाए. नाली का निर्माण, सीसी रोड निर्माण, मंच, स्ट्रीट लाइट सहित अन्य कामों से संबंधित सबसे अधिक टेंडर निकाले गए हैं. पिछले चुनाव में बस्तियों में जाकर कांग्रेस ने जो वादे किए थे उनको पूरा करने का भी दबाव अब निगम में कांग्रेस की सरकार पर है.