कोरबा
: जिले के गिधमुड़ी और पतुरियाडांड़ में कोयला खदान को सरकार ने गौतम अडानी को सौंपने का निर्णय लिया है. अडानी पर अब आरोप लग रहे हैं कि वे अन्य कंपनियों से मिलकर माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के तौर पर कोयला खनन का काम करने जा रहे हैं. इस संबंध में सीएम भूपेश बघेल से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अडानी को नियम कानून के तहत काम करना होगा. कानून विरोधी कोई काम करने नहीं दिया जाएगा.
दरअसल, जिला मुख्यालय से 115 किलोमीटर दूर गिधमुड़ी और पतुरियाडांड़ गांव में कोयला खदान खोला जाना है. हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने इन दोनों कोयला खदानों के लिए अपनी सहमति प्रदान की है. एमडीओ माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के माध्यम से गौतम अडानी की कंपनी यहां कोयला उत्खनन का काम करेगी. दोनों कोयला खदानें सघन वन क्षेत्र में खोली जाएंगी.
खदानों का ग्रामीण कर रहे पुरजोर विरोध
इन खदानों का स्थानीय ग्रामीण और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ प्रबल विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह सघन वन क्षेत्र नष्ट हो जाएगा और पर्यावरण पर इसका गंभीर असर होगा. लेकिन ग्रामीणों और पर्यावरण विशेषज्ञों की मांग और विरोध को अनदेखा कर राज्य सरकार ने कोयला उत्खनन पर अपनी अनुमति दे दी है.
3 साल पहले राहुल गांधी ने की थी ये घोषणा
3 साल पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस क्षेत्र के प्रवास पर आए थे, उन्होंने एक जनसभा में स्पष्ट घोषणा की थी कि नो गो एरिया में सघन वनों को नष्ट कर कोयला खदान खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस घोषणा के ठीक विपरीत प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में कोयला खदान खोलने की अनुमति दे दी है, जिसे लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.