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कोरबा: जब पार्षद ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी, तब शुरू हुआ सड़क मरम्मत का काम

कोरबा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने बालको में सड़क निर्माण को लेकर सीईओ के नाम ज्ञापन सौंपा था. जिसमें उन्होंने सड़क मरम्मत नहीं होने पर भूख हड़ताल करने की बात कही थी. नेता प्रतिपक्ष के इस ज्ञापन के बाद सड़क मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है.

road construction work started
जर्जर सड़क

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Published : Oct 10, 2020, 6:53 PM IST

कोरबा: 8 अक्टूबर की शाम को बालको में परसाभाटा मार्ग पर दो व्यक्तियों का एक्सीडेंट हो गया था. जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी. बालको क्षेत्र में लगातार बढ़ते सड़क हादसों को लेकर जनता में आक्रोश था. क्षेत्रीय पार्षद और नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने बालको प्रबंधन को सड़कों की मरम्मत के लिए ज्ञापन सौंपते हुए भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी. जिसके बाद अब सड़कों की मरम्मत शुरू कर दी गई है.

सीईओ के नाम ज्ञापन

नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने 9 अक्टूबर की सुबह, बालको सीईओ के नाम से ज्ञापन सौंपा था. जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि पिछले 2 साल से बालको की सड़क जर्जर है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिसके कारण आए दिन इस सड़क पर दुर्घटना होते रहती है. जान माल का नुकसान होते रहता है.

कई बार हो चुकी थी शिकायत

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इस समस्या को लेकर जिम्मेदारों को कई बार पत्र दिया जा चुका है, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता रहा. 16 जुलाई को भी सड़क निर्माण के लिए ज्ञापन दिया गया था. जिसमें रोड निर्माण की मांग की गई थी. आश्वासन मिला था कि एक महीने के अंदर सड़क मरम्मत का काम शुरू करा दिया जाएगा.

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भूख हड़ताल करने को होंगे मजबूर

नेता प्रतिपक्ष ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि परसाभाठा रोड, भदरापारा गायत्री मंदिर रोड, कूलिंग टावर के पीछे की रोड की मरम्मत अगर 7 दिन के अंदर नहीं कराई गई तो वे अन्य पार्षद के साथ धरना और भूख हड़ताल करने के लिए मजबूर होंगे.

'गुणवक्ता के साथ हो सड़क निर्माण'

नेता प्रतिपक्ष ने बताया की नगरीय प्रशासन प्रमुख अवतार सिंह का फोन आया और उन्होंने बताया की मरम्मत का काम शुरू कराया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने इसके लिए बालको प्रबंधन का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि रोड की मरम्मत गुणवत्ता के साथ किया जाए. यह नाम मात्र के लिए न रह जाए.

जिले में सड़कों की स्थिति बेहद खराब

जिले में सिर्फ बालको ही नहीं बल्कि सभी दिशाओं में सड़कों की हालत बेहद खराब है. जिले की सड़कें बेहद जर्जर हो चुकी है. प्रशासन के साथ ही सार्वजनिक उपक्रम भी सड़कों के मरम्मत और निर्माण के प्रति उदासीन है. जिसका खामियाजा लगातार जनता को उठाना पड़ रहा है. मुख्य सड़कें शासन और प्रशासन के अधीन है. जबकि सार्वजनिक उपक्रमों के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़कों का रखरखाव पूरी तरह से औद्योगिक संस्थानों की जिम्मेदारी होती है.

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