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किसानों की जीत...लंबे संघर्ष बाद भू-धसान प्रभावित किसानों को मिलेगा फसल क्षति मुआवजा, राशि स्वीकृत

एसईसीएल के बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान प्रभावित 26 किसानों के लिए 7 लाख 19 हजार 680 रुपये की फसल मुआवजा राशि एसईसीएल बिलासपुर से स्वीकृत होकर कोरबा मुख्यालय पहुंच चुकी है. मुआवजा प्रकरण बनवाने से लेकर इसके जारी होने तक माकपा के साथ मिलकर किसानों ने कई दफा आंदोलन किया था.

From making the compensation case till its release, the farmers along with the CPI(M) had agitated many times.
मुआवजा प्रकरण बनवाने से लेकर इसके जारी होने तक माकपा के साथ मिलकर किसानों ने कई दफा आंदोलन किया था.

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Published : Nov 12, 2021, 11:03 AM IST

कोरबा :एसईसीएल के बल्गी (SECL Bulgi Surakchar Mine) सुराकछार खदान के भूधसान प्रभावित 26 किसानों के लिए 7 लाख 19 हजार 680 रुपये की फसल मुआवजा (Crop Compensation Amount) राशि एसईसीएल बिलासपुर से स्वीकृत होकर कोरबा मुख्यालय पहुंच चुकी है. यह राशि अब एसडीएम कटघोरा के माध्यम से किसानों में वितरित की जाएगी. उल्लेखनीय है कि समस्या झेल रहे किसान इस मुआवजे के लिए लंबे समय से संघर्षरत थे. मुख्यालय से लेकर सब एरिया मैनेजर तक के कार्यालयों का कई बार घेराव और धरना प्रदर्शन किया गया, जिसका परिणाम अब सामने आया है.

अंडरग्राउंड माइंस के साइड इफेक्ट

जिस क्षेत्र में भू-धसान की समस्या है, वहां दूर-दूर तक एसईसीएल के अंडरग्राउंड कोल (SECL Underground Coal Mines) माइंस फैले हुए हैं. जमीन के भीतर कोयले का उत्खनन किया जाता है. ऊपर की सतह में किसान खेती करते हैं. कई स्थानों पर जमीन के धंसने से खेती पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में किसानों के पास जीविकोपार्जन के कोई भी उपाय नहीं बचे थे और वह संघर्ष कर रहे थे. इस बाबत माकपा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि मुआवजा स्वीकृति आदेश की प्रति भी जारी की गयी है. माकपा ने इसे विस्थापित किसानों के संघर्षों की जीत बताते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में भी लड़ेंगे और जीतेंगे.

साल 2017 से बंद थी मुआवजा वितरण की प्रक्रिया

माकपा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में डी-पिल्लरिंग से सुराकछार बस्ती के किसानों की खेती-किसानी को हो रहे नुकसान के खिलाफ पिछले एक दशक से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. एसईसीएल प्रशासन को इसके एवज में मुआवजे का भुगतान करने बाध्य होना पड़ रहा है. वर्ष 2017 से एसईसीएल ने मुआवजा देना बंद कर दिया था, जिसके खिलाफ सीएमडी के पुतले दहन से लेकर कोरबा मुख्यालय के घेराव तक कई आंदोलन किये गए और एसईसीएल प्रबंधन को विगत चार वर्षों का लंबित भुगतान करने को फिर बाध्य होना पड़ा है. छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि प्रबंधन ने वर्ष 2021-22 की मुआवजा राशि के लिए भी कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

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