कोरबा:pollution in korba कोरबा जिले में प्रदूषण का बढ़ा हुआ स्तर दशकों से चर्चा का विषय बना रहा है. हाल ही में प्रदूषण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एनवायरनिक्स ट्रस्ट ने दिल्ली और कोरबा के प्रदूषण का अध्ययन किया है. जिसमें संस्था ने यह पाया है कि कोरबा और दिल्ली में पर्टिकुलर मैटर (पीएम) का स्तर एक जैसा है. जिसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. कोरबा का एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) लगातार बिगड़ रहा है. अक्टूबर के अंत में कोरबा का अधिकतम AQI 229 के आसपास दर्ज किया गया है. हालांकि स्थानीय पर्यावरण अधिकारी का कहना है. कोरबा की स्थिति इतनी भी चिंताजनक नहीं है. कुछ क्षेत्रों में इसका स्तर खराब है. जिसपर हम लगातार काम कर रहे हैं.
कोरबा बना गैस चैंबर, प्रदूषण स्तर हुआ दिल्ली जैसा खतरनाक ! - increasing pollution in korba
pollution in korba प्रदेश की उर्जाधानी कोरबा का एयर क्वालिटी इंडेक्स अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. हाल ही में कोरबा के हवा में प्रदूषण के स्तर को दिल्ली जैसा होने का दावा किया गया है. कोरबा जिले में 8400 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता है. जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है. आम जनता भी कई तरह की समस्याएं झेल रही है.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में तुलसी की खेती बन सकती है धान का विकल्प, किसानों को होगा अच्छा मुनाफा
ज्यादातर राखड़ बांध भी फुल, कहीं भी फेंक रहे राख:कोयला आधारित पावर प्लांट से बिजली उत्पादन के दौरान फ्लाई ऐश का उत्सर्जन होता है. जिसमें कई तरह के घातक केमिकल मौजूद होते हैं. इसे नियमानुसार डिस्पोज करना होता है. जिसके लिए पावर प्लांट फ्लाई एश डैम का निर्माण करते हैं. प्लांट से उत्सर्जित राख को पाइपलाइन के जरिए राख डैम में पहुंचाया जाता है. लेकिन वर्तमान में जिले में संचालित ज्यादातर पावर प्लांट के राख डैम फुल हो चुके हैं. वह अपनी क्षमता को पार कर चुके हैं. अब जिले में यह स्थिति आम हो चुकी है. जब पावर प्लांट से निकले राख को नियम विरुद्ध तरीके से कहीं भी डंप कर दिया जाता है. काफी हल्की होने के कारण ये राख हल्की सी हवा चलने पर उड़ने लगती है. हवा के जरिए लोगों के फेफड़ों तक पहुंच रही है. जिससे खतरनाक परिस्थिति निर्मित होने की संभावना है.
स्थिति उतनी गंभीर नहीं, हम लगातार कर रहे काम: इस विषय में कोरबा जिले के पर्यावरण संरक्षण मंडल के रीजनल ऑफिसर शैलेश पिस्दा ने बताया "कोरबा में प्रदूषण का स्तर उतना खराब नहीं है. जितना कि महानगरों में होता है. हालांकि कुछ स्थान जहां सिगड़ी में कोयला जलाकर लोग खाना पकाते हैं. इसके अलावा भी कुछ एक स्थानों में एयर क्वालिटी इंडेक्स थोड़ा खराब है. लेकिन अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है. जिसमें सुधार लाने का हम लगातार प्रयास कर रहे हैं."