कोरबा: छत्तीसगढ़ में किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. किसान कोरोना वायरस के संक्रमण, लॉकडाउन और बेमौसम बारिश की परेशानी से निकले भी नहीं थे कि अब उन्हें इल्लियों (Caterpillar) के हमले का डर सताने लगा है. कोरबा में हजारों की तादाद में इल्लियों ने खासतौर पर गुलमोहर और पेल्टोफोरम प्रजाति के वृक्षों पर हमला कर दिया है. यह हमला वृक्षों के लिए इतना घातक है कि इल्ली एक दिन में ही पूरे पेड़ के पत्ते चट कर जाती है, पेड़ की हालत पतझड़ में मुरझाए वृक्षों जैसी हो जाती है.
कुछ समय पहले प्रशासन ने टिड्डी अटैक को लेकर अलर्ट जारी किया था. टिड्डियों को भगाने के लिए तेज आवाज में डीजे बजाने से लेकर कई तरह के पेस्टिसाइड का छिड़काव भी करवाया गया था. इस मुसीबत से बचने के लिए प्रशासनिक स्तर पर उपाय खोजे जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो यह इल्लियां कुछ खास प्रजाति के वृक्ष और पौधों को ही अपना निशाना बना रही है, जबकि बाकी पेड़ों को इनसे खतरा नहीं है. बावजूद इसके इल्लियां पेड़ों के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है, कुछ दवाएं भी इन पर कोई असर नहीं छोड़ पाई हैं.
वन विभाग ने मदद के लिए निगम को लिखा पत्र
इल्लियों के अटैक से निपटने के लिए वन विभाग ने नगर निगम को चिट्ठी लिखी है. वन विभाग ने पत्र में लिखा है कि इल्लियों का सीजन शुरू हो गया है. बड़ी तादाद में इल्लियां पेड़ों को नष्ट करने में लगी हुई है. हालांकि इन इल्लियों से ज्यादा नुकसान नहीं होने की संभावना जताई जा रही है. कुछ समय बाद इन इल्लियों से तितली निकलेगी और खतरा टल जाएगा.
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