कोरबा: पाली विकासखंड उप-तहसील हरदीबाजार की ग्राम पंचायत अमगांव को SECL गेवरा ने साल 2004 से 2009 में दो चरणों में अधिग्रहित किया था. मकानों की नाप के साथ ही SECL गेवरा और राज्य शासन ने जांच और सर्वे कराकर 4 चरणों में पावती दी जा चुकी है. जमीन अधिग्रहित हो जाने के बाद भी विस्थापितों की नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास जैसी मांगें अब भी अधूरी हैं. इन समस्याओं के निराकरण के लिए आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि पांच साल पहले SECL गेवरा प्रबंधन से अधिग्रहित की गई जमीन पर बने मकानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया है और पात्र व्यक्तियों को साजिश करके अपात्र कर, उनके मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया है.
आश्रित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा
पीड़ित ललित महिलांगे ने बताया कि अधिकृति मकानों का मुआवजा भी नहीं दिया गया है, जबकि उप-तहसील हरदीबाजार के आसपास के गांवों के मकानों पर खदान प्रबंधन ने कार्य के लिए नापी कर कब्जा कर लिया, जिसमें उस गांवों के हर आश्रित परिवारों के मकानों का मुआवजा दिया गया है. अमगांव ग्राम पंचायत के 111 आश्रित परिवारों को तब से लेकर आज तक किसी भी प्रकार की मुआवजा या कोई अन्य सुविधा नहीं दी गई है.
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