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स्वच्छता अभियान की खुली पोल, सालाना खर्च 9 करोड़ पर सफाई नहीं

कोरबा नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता महाअभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत रनिंग मीटर से नाली की सफाई की गई है. सफाई के दौरान अलग-अलग वार्डों से 150 टन कचरा निकाला गया है, जो कि सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहा है.

70 lakhs spent every month for cleanliness open poll under campaign
सफाई व्यवस्था की खुली पोल

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Published : Feb 29, 2020, 11:48 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 8:00 PM IST

कोरबा: नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता महाअभियान चलाया जा रहा है. पखवाड़ेभर के अभियान में 10 हजार रनिंग मीटर से नाली की सफाई की गई है. वहीं अलग-अलग वार्डों से 150 टन कचरा निकाला गया है. यह आंकड़ें नियमित सफाई की पोल खोल रहे हैं. निगम ने 67 में से 42 वार्डों की सफाई का ठेका निजी ठेकेदारों को दे रखा है, जिन पर हर माह 70 लाख रूपये खर्च हो रहे हैं.

स्वच्छता अभियान की खुली पोल

सालाना 9 करोड़ सिर्फ सफाई पर खर्च
नगर पालिक निगम कोरबा में कुल मिलाकर 67 वार्ड हैं. यहां के 42 वार्ड की सफाई व्यवस्था ठेकेदारों को आवंटित की गई है. जबकि 8 वार्ड विभिन्न सार्वजनिक औद्योगिक उपक्रमों के अंतर्गत आते हैं. शेष 17 वार्डों की सफाई व्यवस्था निगम खुद अपने कर्मचारियों से कराता रहा है. केवल 42 वार्डों में सफाई का सालाना बजट 9 करोड़ रूपये है. जबकि शेष वार्डों के सम्मिलित हो जाने पर यह खर्च और भी ज्यादा बढ़ जाता है. बावजूद इसके शहर साफ नहीं हो पा रहा है. सफाई को लेकर नियमित अंतराल पर शिकायतें मिलती रहती हैं.

गंदगी
स्वच्छता महाअभियान के आंकड़ें खुद खोल रहे पोलनगर पालिक निगम की ओर से पखवाड़ेभर से शहर में स्वच्छता महाअभियान चलाया जा रहा है. निगम आयुक्त और मेयर खुद वार्ड में पहुंचकर सफाई व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. कुछ दिनों तक चले इस स्वच्छता महाअभियान में ही 150 टन कचरा निगम ने विभिन्न वार्डों से निकाला है. ये आंकड़ें स्वयं ही बताते हैं कि नियमित तौर पर जो सफाई कराई जाती है, वह कितनी कारगर है.
गंदगी

न नियमित सफाई न ही मॉनिटरिंग
स्वच्छता रैंकिंग के लिए यह अभियान चल रहा है. जबकि साल भर के दौरान नियमित तौर पर जो सफाई होती है, उसमें ठेकेदार कोताही बरतते हैं. वहीं दूसरी तरफ निगम के अफसर भी ठेकेदारों की कारस्तानी की नियमित तौर पर मॉनिटर नहीं करते, जिसके कारण शहर गंदगी से पटा पड़ा है. नालियां जाम हैं. स्वच्छता महाअभियान भी मुख्य सड़क के इर्द-गिर्द ही सीमित रहता है. जबकि अंदरूनी मोहल्लों में कचरे का अंबार है, जहां तक निगम प्रशासन का अमला पहुंच ही नहीं पाता.

गंदगी

सभी स्थानों पर सफाई व्यवस्था एक जैसी
नगर निगम कोरबा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का काम तीन हिस्सों में बटा हुआ है. 42 वर्षों में ठेकेदार काम करते हैं. 8 वार्ड सार्वजनिक उपक्रमों के हैं. जबकि 17 वार्डों में निगम की ओर से सफाई कराई जाती है. लेकिन स्वच्छता के मामले में सभी 67 वार्डों की स्थिति एक जैसी है. खासतौर पर उपनगरीय क्षेत्र दर्री, जमनीपाली, बांकीमोंगरा और कुसमुंडा जैसे क्षेत्रों का स्वच्छता के मामले में बुरा हाल है.

Last Updated : Feb 29, 2020, 8:00 PM IST

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