कोरबा: जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर केंदई जलप्रपात के पास बने स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ. जहां जाति और समाज का भी कोई बंधन नहीं था. रूढ़िवाद की बेड़ियां तोड़कर प्रेमी जोड़े ने सात फेरे लिए और 7 जन्मों के लिए एक हो गए. आश्रम में सामूहिक विवाह के आयोजन का यह 20वां वर्ष है. जिसकी ख्याति ऐसी है कि अमेरिका से भी लोग कार्यक्रम में कन्यादान करने पहुंचे थे.
कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे केंदई में स्वामी भजनानंद आश्रम स्थित है. स्वामी शारदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में पिछले दो दशक से जरूरतमंद युवक-युवतियों की शादी के लिए सामूहिक विवाह का मंडप सजाया जाता है. इस साल 59 जोड़े आश्रम में एक साथ परिणय सूत्र में बंधे.
इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी करने वाले जोड़ों के लिए जाती और समाज का कोई बंधन नहीं होता. जरूरत होती है, तो बस अटूट प्रेम की. यही कारण है कि यहां इस साल ऐसे कई जोड़े भी परिणय सूत्र में बंधे जो एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन इतने सक्षम नहीं थे कि अपने बल पर गृहस्थ जीवन की शुरुआत कर सकें.
दांपत्य जीवन शुरू करने, करते है मदद