छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

आत्मनिर्भर बनती महिलाएं, वनधन योजना के तहत फूल इमली बनाने का कर रहीं काम

लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को रोजगार देने के लिए वनधन विकास योजना के तहत इन्हें आटी इमली को फूल इमली बनाने का काम दिया गया है. स्वसहायता समूह के माध्यम से इन महिलाओं को इस काम से जोड़ा गया है.

By

Published : May 17, 2020, 12:24 AM IST

Womens making tamarind
महिलाएं बना रही फूल इमली

कोंडागांव: वनधन विकास योजना के तहत इस साल वनोपज खरीदने का काम महिला समूह को दिया गया था. महिलाओं को आगे लाने के लिए शासन-प्रशासन भी भरपूर कोशिशें कर रहा है और उन्हें नए-नए काम उपलब्ध करा रहा है. माकड़ी में वनधन योजना के अंतर्गत मां भवानी महिला स्वसहायता समूह को वनधन केंद्र में आटी इमली को फूल इमली बनाने का काम यानि इमली से बीज निकालने का काम दिया गया है. माकड़ी विकासखंड के वनधन विकास केंद्र में महिलाओं को रोजगार मुहैया कराया गया है. जिस आटी इमली को खरीदा गया था, उसे अब फूल इमली बनाने का काम स्वसहायता समूह को दिया गया है.

महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

कुल 13 महिलाएं कर रहीं काम

वनधन केंद्र में हर दिन समूह की 13 महिलाएं आटी इमली को फूल इमली बनाने का काम करती हैं. उन्हें उनके काम के लिए प्रति किलो 5 रुपए दिया जाता है. वन परिक्षेत्र के अधिकारी प्रहलाद नायक ने बताया कि क्षेत्र में जितने भी समूह का गठन हुआ है, उन सभी के पास इमली किलो के हिसाब से छोड़ा जाता है. इसके बाद महिलाएं उनसे बीज निकालने का काम करती है. इन स्वसहायता समूहों को और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विचार किया जा रहा है. प्रहलाद नायक ने बताया कि आटी इमली से चपाती बनाने का काम भी शुरू हो सकता है.

पढ़ें:बस्तर: तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू, लॉकडाउन से ज्यादा बारिश से प्रोडक्शन हो रहा प्रभावित

12 गांव की महिलाएं शामिल

प्रहलाद नायक ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र की महिलाओं को कुछ काम मिल सके, इसके लिए उन्हें ये रोजगार दिया गया है. इसमें 12 गांव की स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को काम दिया गया है. जिसमें कुल 393 महिलाओं का चयन किया गया है. लॉकडाउन के दौरान महिलाओं की कुछ आवक हो सके, इसलिए महिलाओं को इस काम से जोड़ा गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details