कोंडागांव: वनाधिकार पट्टा देने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत और चेरंग गांव के 30 आदिवासी ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर के साथ ही राज्यपाल अनुसुइया उइके और छत्तसगढ़ शासन को आवेदन दिया है. आवेदन पत्र में ग्रामीणों ने लिखा है कि वे सभी चेरंग गांव के रहने वाले हैं और मुरिया जाति से हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार से हैं और आरक्षित वनभूमि पर 1980 के पहले से रह रहे हैं और अपना जीवनयापन कर रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने वनवासियों को निवास और खेती के लिए वन अधिकार मान्यता प्रपत्र देने के लिए आवेदन पत्र मंगाया गया था. ग्रामीणों ने वन अधिकार समिति टेमरु गांव के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही किसी तरह की कोई जानकारी दी गई. बता दें कि ग्राम चेरंग के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बसे होने के कारण वन विभाग ने ग्रामीणों के खिलाफ कभी भी अतिक्रमण से संबंधित कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया है और इसी कारण ग्रामीणों के पास कब्जे के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है.