कोंडागांव: किसी भी क्षेत्र या गांव के विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं का उस क्षेत्र तक पहुंचना प्रमुख होता है. क्षेत्र का विकास करने में सड़कों का जाल बिछाना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है. जिससे क्षेत्र या गांव का विकास हो सके. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (Pradhan Mantri Gramin Sadak Yojana) की तरफ से गांव में पहुंच बनाने के लिए सड़कों का जाल जगह-जगह बिछाया जा रहा है. ताकि विकास की गाथा लिखी जा सके. लेकिन छत्तीसगढ़ के कोंडागांव नारायणपुर मार्ग के बांसगांव घोटुलपारा का 8 किलोमीटर का सड़क जीका जंजाल बनी हुई है. एक दशक के बाद भी 8 किलोमीटर सड़क बनाने का काम आज तक पूरा नहीं हो पाया है.
नहीं ले रहा कोई सुध
रामलाल सलाम, सुखदेव नेताम, कमलेश नेताम, सुखदास नेताम, खेमसिंह नेताम एवं दर्जनों ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण एजेंसी और ठेकेदार सड़क की हालत के लिए जिम्मेदार है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का निर्माण तो हो गया लेकिन घटिया निर्माण कार्य के चलते बारिश में उखड़ गई. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि रसूखदार ठेकेदार रवि घोष (Contractor Ravi Ghosh) ने इस सड़क को बनाया है. जिसके खिलाफ ना तो विभाग कोई कार्रवाई करता है और ना ही संबंधित ठेकेदार इस सड़क को मरम्मत करने की कोशिश करता है.
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दरअसल बांसगांव-घोटूलपारा मार्ग (Bansgaon-Ghotulpara road) में वर्ष 2008 में अथर्व इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी (Atharva Infrastructure Agency) की ओर से एक करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड बनाया गया था. साल 2016 में इसी मार्ग में बचे हुए 4 किलोमीटर मार्ग में मुरूम एवं गिट्टी से सड़क निर्माण कार्य एक करोड़ 13 लाख रुपए की लागत से नितेश सुराना ठेकेदार की ओर से किया गया था. वर्ष 2019 में 88 लाख 35 हजार की लागत से बीटी सड़क यानी डामरीकृत सड़क निर्माण कार्य किया गया.