कोंडागांव: जिले में आत्मसमर्पण किए हुए नक्सली और नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए जिला पंचायत सभाकक्ष में विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पुनर्वास नीति के तहत योजनाओं के लाभ की जानकारी दी गई.
'लाल आतंक' से मुंह फेर चुके आत्म समर्पित नक्सलियों को सरकार की सौगात, बता दें कि कोंडागांव जिले में पिछले सात सालों में 332 नक्सलियों ने सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर 'लाल आतंक' से मुंह फेर के आत्मसमर्पण किया था. उनको सरकार ने सभी सुविधाएं मुहैया कराने का वादा किया था, जो सरकारी कागजों तक सीमित रह गए थे.
सरकार भूल गई थी अपने वादे, समर्पितों ने दिलाया याद
समर्पित नक्सलियों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था. आत्म समर्पित नक्सलियों की सरकार से शिकायत रही कि उन्हें वादे के मुताबिक न तो उचित नौकरी दी गई और न ही आवास उपलब्ध कराया गया. इसके बाद बीते 7 सालों में जिले में आत्मसमर्पण 332 नक्सलियों और उनके परिवारों को सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को मूर्त रूप देने के लिए शिविर का आयोजन किया गया.
किसी को रोजगार तो किसी को आवास
सरकार की पुनर्वास नीति के चलते क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में काफी कमी आई है. सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनकी मदद से पुलिसिंग कार्रवाई में भी तेजी आई थी, जिसके चलते अंदरूनी इलाकों में नक्सली आज बैकफुट पर हैं. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने नक्सलियों का काउंसलिंग करते हुए योग्यता अनुसार रोजगार, आवास, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के फॉर्म भराए गए.
'लाल आतंक' के साए से रहेंगे दूर
प्रभारी कलेक्टर नुपुर राशि ने बताया कि जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों के अंतर्गत आत्मसमर्पण नक्सली और नक्सल प्रभावित परिवारों का चिन्हांकन कर जिला कार्यालय में बुलाया गया था. इस दौरान ग्रामीणों को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना समेत राशन कार्ड भी प्रदान किए किए गए, जिससे ग्रामीण समाज की मुख्यधारा से जुड़े हुए लोग 'लाल आतंक' के साए से दूर हो सकें.