कोंडागांव: कोरोना संकट ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट है. वहीं जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (RHO) ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाकर कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण को समुदाय तक फैलने से रोकने के लिए घर-घर सर्वे, चेक पोस्ट में आने-जाने वालों की जांच, प्रवासी मजदूरों के रैपीड टेस्ट किट से सैंपल लेने से लेकर जांच करने में भी योगदान दे रहे हैं.
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश सन्नाट ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य के 28 जिलों के 752 प्राथमिक और 5 हजार 127 उपस्वास्थ्य केंद्र आते हैं. इनमें 13 हजार ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कार्यकर्ता और अन्य कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं 4 हजार 888 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिलाए हैं और 3 हजार 750 पुरुष हैं. इसके साथ ही 160 खंड प्रशिक्षण विस्तार अधिकारी और 2 हजार 500 सुपरवाइजर भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के रूप में ये सभी कोरोना योद्धा 10 हजार 966 ग्राम पंचायतों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं.
दूसरे राज्यों से छ्त्तीसगढ़ पहुंच रहे लोग
वर्तमान में शासन स्तर पर रेड जोन, ऑरेन्ज जोन, और ग्रीन जोन के आधार पर लॉकडाउन में रियायत दी गई है. इससे छत्तीसगढ़ के रहने वाले जो लोग व्यवसाय, नौकरी, मजदूरी और पढ़ाई जैसे कारणों से दूसरे राज्यों में गए हुए थे, वो सभी अब प्रदेश वापस आ रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के सामने नई चुनौतियां आ गई हैं.