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ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक बने कोरोना योद्धा, घर-घर पहुंचा रहे स्वास्थ्य सुविधा - RHO कोंडागांव

कोंडागांव में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (RHO) ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. कोविड-19 को हराने के लिए 24 घंटे अपनी ड्यूटी निभा रहे  RHO फील्‍ड में फाइटर बन कर वायरस के खिलाफ डट कर खड़े हुए हैं.

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ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक बने कोरोना वॉरियर्स

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Published : May 22, 2020, 12:35 AM IST

Updated : May 22, 2020, 12:48 AM IST

कोंडागांव: कोरोना संकट ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट है. वहीं जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (RHO) ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाकर कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण को समुदाय तक फैलने से रोकने के लिए घर-घर सर्वे, चेक पोस्‍ट में आने-जाने वालों की जांच, प्रवासी मजदूरों के रैपी‍ड टेस्‍ट किट से सैंपल लेने से लेकर जांच करने में भी योगदान दे रहे हैं.

घर-घर पहुंचा रहे स्वास्थ्य सुविधा

स्‍वास्‍थ्‍य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश सन्‍नाट ने बताया कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अंतर्गत राज्‍य के 28 जिलों के 752 प्राथमिक और 5 हजार 127 उपस्‍वास्‍थ्‍य केंद्र आते हैं. इनमें 13 हजार ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य संयोजक कार्यकर्ता और अन्‍य कर्मचा‍री काम कर रहे हैं. वहीं 4 हजार 888 ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य संयोजक महिलाए हैं और 3 हजार 750 पुरुष हैं. इसके साथ ही 160 खंड प्र‍शिक्षण विस्‍तार अधिकारी और 2 हजार 500 सुपरवाइजर भी शामिल हैं. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मैदानी अमले के रूप में ये सभी कोरोना योद्धा 10 हजार 966 ग्राम पंचायतों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं.

दूसरे राज्यों से छ्त्तीसगढ़ पहुंच रहे लोग

वर्तमान में शासन स्तर पर रेड जोन, ऑरेन्ज जोन, और ग्रीन जोन के आधार पर लॉकडाउन में रियायत दी गई है. इससे छत्तीसगढ़ के रहने वाले जो लोग व्यवसाय, नौकरी, मजदूरी और पढ़ाई जैसे कारणों से दूसरे राज्यों में गए हुए थे, वो सभी अब प्रदेश वापस आ रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के सामने नई चुनौतियां आ गई हैं.

लोगों को कर रहे जागरूक

बाहर से आए लोगों पर रखी जा रही निगरानी

प्रदेश में 17 हजार क्वॉरेंटाइन सेंटर स्‍कूल, कॉलेज, सावर्जनिक भवनों और हॉस्टलों में बनाए गए हैं. अलग-अलग जिलों में अस्‍थायी तौर पर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए ठहराये गए प्रवासी श्रमिकों की संख्‍या एक लाख तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के मैदानी स्तर पर कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक स्थानीय प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रहा हैं. वहीं बाहर से आए हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें शासन के दिशा निर्देश के मुताबिक संस्था, पंचायत स्तर पर, घर पर भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. वहीं लगातार फॉलोअप कर उनके स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी नियमित रूप से ली जा रही है.

वनांचलों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचा रहे स्वास्थ्यकर्मी

पढ़ें- कोंडागांव: झारखंड से वापस लाए गए 37 मजदूर, जांच के बाद किए जाएंगे आइसोलेट

हॉटस्‍पॉट एरिया में भी कर रहे काम

राज्‍य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (कोविड-19) के मीडिया प्रभारी अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह मैदानी अमला कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय कोरोना से बचाव कार्य में लगे हुए हैं. साथ ही स्वास्थ्य संबंधी दूसरी गतिविधियों पर भी काम कर रहे हैं. हेल्‍थ डिपार्टमेंट के ये मैदानी कैडर हॉटस्‍पॉट एरिया में काम करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं.

Last Updated : May 22, 2020, 12:48 AM IST

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