कोंडागांव:जिला मुख्यालय कोंडागांव से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित है ग्राम पंचायत चमाई. यहां पानी की समस्या यहां इतनी विकराल है कि लोगों को बरसात में भी गड्डे में जमा पानी पीना पड़ रहा है. गर्मी की तो आप बस कल्पना ही कर सकते हैं. ये ग्राम पंचायत दो जिले में आता हैस बावजूद इसके यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. चमाई ग्राम पंचायत वैसे तो कोंडागांव का राजस्व ग्राम पंचायत है, लेकिन राजनीतिक रूप से ये नारायणपुर जिले के नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है. इन सबके बावजूद यहां लोग आज भी ढोड़ी का पानी पी रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सुध लेने आज तक शासन का कोई अधिकारी नहीं आया है, न ही उनके जनप्रतिनिधि कभी उनसे उनका हालचाल पूछने आया है. कोंडागांव जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बसे चमाई ग्राम पंचायत में वैसे तो शासन ने 5 हैंडपंप लगाये हैं. लेकिन उसमें पानी ही नहीं आता है.
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गांव में समस्याओं का अंबार
- ग्राम चमई की कुल जनसंख्या 823 है
- यहां राशन की कोई व्यवस्था नहीं है
- राशन लेने के लिए लोगों को आज भी 15 किलोमीटर दूर इसलनार तक जाना पड़ता है
- चमई ग्राम पंचायत में 5 बस्ती है, जिसमें 5 हैंडपंप है, जिसमें बमुश्किल पानी आता है
चमई के ग्रामीण आज भी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं. नक्सली धमक की शुरुआत के साथ चमाई गांव को मुख्यालय से जोड़ने के लिए सड़क-पुलिया बनाने की 14 वर्ष पहले शुरुआत की गई थी. नक्सलियों का आतंक उस दौर में चरम सीमा पर था. सड़क- पुलिया निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन नक्सलियों के दखलअंदाजी और विरोध के कारण काम अधूरा ही छोड़ दिया गया. अब इस बात को 14 साल बीत चुके हैं. जबकि नक्सली भी बैकफुट पर चले गए, लेकिन गांव में 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी विकास नहीं हो सका.