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केशकाल गैंगरेप केस: बीजेपी-कांग्रेस और आप में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर - pcc cheif mohan markam

केशकाल में हुए गैंगरेप का विषय दिनभर चर्चा में रहा. बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप और आम आदमी पार्टी के नेता पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सरकार की विफलता पर सवाल उठाए. इन सबके बीच पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी मीडिया के सामने सफाई पेश करते भी नजर आए.

BJP, Congress, aam aadmi Party accused in Keshkal gangrape case
मोहन मरकाम , पीसीसी चीफ

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Published : Oct 11, 2020, 10:55 PM IST

कोंडागांव:केशकाल गैंगरेप केस में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की. वहीं जिला मुख्यालय में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की तरफ से सफाई दी. बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप और आम आदमी पार्टी के नेता पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सरकार की विफलता पर सवाल उठाया.

बीजेपी-कांग्रेस और आप में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर

सरकार की तरफ से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पीड़ित परिवार को उचित न्याय दिलाने व सरकार से मदद देने की बात कही. साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. बीजेपी की पूर्व मंत्री लता ने एसआईटी की जांच पर संदेह व्यक्त करते कहा कि, जिस स्थानीय पुलिस ने इतने बड़े दुष्कर्म और हत्या-आत्महत्या जैसे मामले को दबाने का प्रयास किया, ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है. उन्होंने कहा कि मामले में न्यायिक जांच होनी चाहिए, जिससे दोषियों पर कार्रवाई हो सके. बीजेपी ने स्थानीय पुलिस की जांच को लापरवाही का नाम देते हुए न्यायिक जांच की बात कही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने प्रशासन के इस लापरवाह रवैये पर जन आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

पढ़ें- केशकाल गैंगरेप-सुसाइड केस: पीसीसी चीफ के बाद अब पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे भाजपा के दिग्गज नेता


निलंबित टीआई को बर्खास्त करना चाहिए: केदार कश्यप

पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छोटे ओड़ागांव में हुई घटना को लेकर कांग्रेस सरकार संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक और पुलिस प्रशासन सभी ने मिलकर इस घटना को ढाई महीने तक दबा कर रखा था. जब घटना का खुलासा हुआ तो केवल टीआई को सस्पेंड कर खानापूर्ति की जा रही है. सरकार को तत्काल घटना में संलिप्त और इसे छुपाने के प्रयास में सभी अधिकारी-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही जिस टीआई को निलंबित किया गया है, उसे बर्खास्त करना चाहिए.

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