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वर्षों से झिरिया का पानी पी रहे थे ग्रामीण, पत्रकारों की पहल पर कलेक्टर ने लगवा दिया हैंडपंप - problem in kadenaar village

कोंडागांव के कड़ेनार में लोग झिरिया का पानी पीने को मजबूर थे लेकिन कलेक्टर के आदेश के बाद ग्रामीणों के लिए हैंडपम्प लगाया गया, ताकि उन्हें साफ पानी मिल सके.

handpump fixed in kadenaar village due to water problem at kondagon
कड़ेनार गांव

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Published : Jun 10, 2020, 6:20 PM IST

कोंडागांव: जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में से एक कड़ेनार गांव दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों के बीच बसा है. यहां एक खास जनजाति के लोग निवास करते हैं. इस गांव में शासन की कई योजनाएं आने से पहले ही दम तोड़ देती है. इस इलाके में लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है. यहां के लोग सदियों से प्राकृतिक झिरिया का पानी पीते आये हैं. जिससे ये हमेशा बीमार भी पड़ते रहते हैं, लेकिन इनके पास और कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इस बार इनके लिए शासन ने एक अच्छा काम किया है.

कड़ेनार में आया साफ पानी

इस गांव की बदहाली के बारे में कुछ दिनों पहले पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को बताया था. इसके बाद कलेक्टर ने गांव में हैंडपंप लगाने के आदेश दिए थे. कलेक्टर के आदेश के बाद नल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. जिसे आज अमलीजामा पहना दिया गया है.

प्रशासन की टीम

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बोरिंग वाहनों को पहुंचाना था मुश्किल

इंजीनियर जेएल माहला ने बताया कि इस क्षेत्र में चट्टानी संरचना और घने जंगलों के कारण यहां बोरिंग वाहनों को पहुंचाना मुश्किल था. लेकिन, उनकी टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बोरिंग वाहन को गांव तक पहुंचाया और गांव में बोर कर हैंडपंप लगाया है.

कड़ेनार ग्रामीण
कलेक्टर ने जताया आभारगांव में हैंडपंप लगने के बाद कलेक्टर ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील क्षेत्रों तक विकास कार्यों को ले जाना प्रशासन की प्राथमिकता रही है. आने वाले दिनों में ऐसे गांवों में सड़क स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया जाएगा.
कड़ेनार में सड़क नहीं

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