कोंडागांव :छत्तीसगढ़ सरकार ने 7 फरवरी 2022 तक धान खरीदी की. प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में तय टारगेट से ज्यादा धान खरीदी हुई है. धान केंद्रों से मिलर्स धान उठाव भी कर रहे हैं.लेकिन बस्तर के कोंडागांव में कुछ धान खरीदी केंद्र ऐसे भी हैं जिन पर कार्रवाई की गई है.इन धान खरीदी केंद्रों में रखरखाव को लेकर लापरवाही बरती गई थी.जिसके बाद जिले के कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्र के प्रभारियों और मिलर्स पर कड़ी कार्रवाई की. उचित सुरक्षा और भण्डारण के अभाव में हजारों क्विंटल धान की बोरियां बारिश में भींग गईं थी. जिसके बाद बोरियों में अंकुरण और सड़न शुरु हो गई थी.
कहां का है मामला ?
फरसगांव विकासखंड के लंजोड़ा लेम्प्स धान खरीदी में लापरवाही देखने को मिली. जिला विपणन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार खरीफ फसल वर्ष 2021-22 में 07 फरवरी तक लंजोड़ा धान उपार्जन केंद्र में 36291 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी.जिसमें से 16298 क्विंटल धान परिवहनकर्ता ने उठाया. जबकि 15029 क्विंटल धान का उठाव मिलर्स ने किया. इस प्रकार 31957 क्विंटल धान का उठाव लंजोड़ा लेम्प्स धान खरीदी केंद्र से हुआ. बचा हुए 4334 क्विंटल धान में से 2309 क्विंटल धान का DO (डिलीवरी ऑर्डर) और TO (ट्रांसपोर्ट आर्डर) जिला विपणन कार्यालय से कट चुका है. इस धान का उठाव होना बाकी है.
वहीं 2025 क्विंटल धान अब भी विभागीय जानकारी अनुसार लंजोड़ा के धान खरीदी केंद्र में सुरक्षित है.जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी धान खरीदी केंद्र प्रभारी की है.लेकिन जिस धान को सुरक्षित माना जा रहा था दरअसल वो अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया. बेमौसम बारिश के कारण बचा हुआ धान पानी में भींगा जबकि खरीदी केंद्र प्रभारी के पास धान बचाने के संसाधन मौजूद थे.अब 5 हजार धान की बोरियों में से अंकुरित दाने दिख रहे हैं. कई बोरियां सड़ चुकी हैं.