कोंडागांव :जिला उद्योग के उच्च अधिकारियों ने 'मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण' इकाई के हर्बल चाय ,सफेद मुसली कैप्सूल और स्टीविया की पत्तियों से जीरो कैलोरी वाली अनूठी शक्कर के निर्माण के संयंत्रों का निरीक्षण किया है. जानकारी के मुताबिक आयुष स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से कोरोना से लड़ने में मददगार 'हर्बल काढ़ा' यहीं बनता है.
देश विदेश में बस्तर की पहचान बन चुकी कोविड-19 सहित 16 असाध्य बीमारियों से लड़ने में मददगार मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की प्रसिद्ध 'हर्बल चाय' और मूसली के कैप्सूल निर्माण के संयंत्रों का कोंडागांव जिला उद्योग कार्यालय के उच्चाधिकारियों की टीम ने निरीक्षण किया है. उच्चाधिकारियों की टीम में टोप्पो, नम्रता एल्मा और कई अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कोंडागांव के गांधीनगर वार्ड स्थित मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण इकाई का दल-बल सहित निरीक्षण किया.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम जारी
बता दें कि कोरोना महामारी में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के 'आयुष' विभाग द्वारा अनुमोदित जड़ी बूटियों का कार्य और हर्बल काढ़ा इसी प्रसंस्करण इकाई में बनाया जा रहा है. इसके साथ ही यहां कोरोना से लड़ने में मदद करने वाली और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम किया जा रहा है, जिसे हाल में ही बनाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है. अब जल्द ही यह उत्पाद छत्तीसगढ़ और देश के लोगों को कोरोना से लड़ने में प्रभावी मदद करेगा.