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आचार्य श्री महाश्रमण जी की अहिंसा पदयात्रा पहुंची केशकाल

केशकाल में अहिंसा यात्रा के प्रणेता और 13 पंथ धर्म संघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का केशकाल में आगमन हुआ. इस दौरान शहर के लोगों ने आचार्य जी का भव्य स्वागत किया.

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Published : Feb 1, 2021, 9:54 PM IST

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केशकाल पहुंची अहिंसा पदयात्रा

कोंडागांव: सोमवार को केशकाल में अहिंसा यात्रा के प्रणेता और 13 पंथ धर्म संघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का केशकाल में आगमन हुआ. आचार्य महाश्रमण जी 3 देश और 20 राज्यो से होते हुए 50 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए केशकाल पहुंचे. इस दौरान केशकाल नगर समेत अन्य जिलों और दूसरे राज्यो से आए श्रद्धालुओं ने बस्तर के पारंपरिक नृत्य मांदरी के साथ आचार्य जी का स्वागत किया.

केशकाल पहुंची अहिंसा पदयात्रा

कन्या शाला प्रांगण में आचार्य महाश्रमण जी ने श्रद्धालुओं को नैतिकता, नशामुक्ति और सद्भावना का उपदेश दिया. केशकाल श्वेतांबर जैन समाज के संरक्षक कानमल जैन ने बताया कि केशकाल में सर्व समाज ने महाश्रमण जी का भव्य स्वागत किया.

ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएंगे संदेश

श्रद्धालुओं ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि आचार्य महाश्रमण जी ने केशकाल में 2 दिन तक रुकने का समय दिया है. हमारा यही प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक आचार्य श्री का संदेश पहुंचाएं.

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लाल किले से शुरू हुई थी यात्रा

आचार्य महाश्रमण जी के शिष्य कुमार श्रमण मुनि जी ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले से साल 2014 में अहिंसा यात्रा शुरू हुई थी. आचार्य श्री की प्रेरणा से हर जाति, धर्म, वर्ग के लाखों लोगों ने इस सुदीर्घ अहिंसा यात्रा में नैतिकता, सद्भावना और नशा मुक्ति के संकल्पों को स्वीकार किया है. आचार्य श्री महाश्रमण जी ने भारत, नेपाल और भूटान की पदयात्रा कर लोगों को सदाचार की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया है.

1 करोड़ लोगों ने छोड़ी नशे की लत

श्रमण मुनि जी ने बताया कि इस अहिंसा यात्रा से प्रभावित होकर अब तक 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने नशामुक्ति अभियान में शामिल होने का संकल्प लिया है. मुनि जी ने कहा कि आप सभी सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति को अपने जीवन मे अपनाने का प्रयास करें. ताकि हम स्वस्थ राष्ट्र और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें.

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