कोंडागांव:विश्व शौचालय दिवस के दिन जिले को स्वच्छता के क्षेत्र में 3 पुरस्कार दिए गए थे. ओडीएफ घोषित करने के बाद जिले के जिस गांव में शौचालय नहीं थे वहां उपयोग के लिए चलित शौचालयों की खरीदी की गई थी. गांवों में शौचालयों की जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने व्यवस्था तो कर दी लेकिन ये ग्रामीणों तक पहुंचने से पहले ही बर्बाद हो गई. खरीदी के बाद इन चलित शौचालयों को जिला मुख्यालय में रखा गया था जहां देखरेख और उपयोग की कमी में करोड़ों रुपयों के इन शौचालयों में जंग लगना शुरू हो गया.
जिला प्रशासन ने एक साल पहले लगभग 35 चलित शौचालयों की खरीद की थी. जिनका उपयोग शौचालय विहीन गांव में होना था, लेकिन थोक के भाव में खरीदे गए शौचालय को प्रशासन गांव तक पहुंचाने में नाकाम रहा. शौचालय खरीदी के बाद इन शौचालयों का उचित उपयोग न होने से जिला मुख्यालय में यह खड़े-खड़े जंग खाने लगे. कुछ शौचालय नक्सलगढ़ की शोभा बढ़ा रहें हैं. हाल में कुछ शौचालयों को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में उपयोग के लिए रखा गया है. इस विषय पर जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा का कहना है कि जिले के कुछ गांवों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ था, उन गावों के लिए चलित शौचालयों की खरीदी की गई थी. उन्होंने चलित शौचालयों की रिपोर्ट मांग कर जांच की बात कही है. जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने इस विषय पर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दे पाने की बात कही है.
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भ्रष्टाचार का हो सकता है मामला