कोंडागांव:जिले के माकड़ी विकासखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के अंतर्गत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. सिवनी गांव की मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाएं नहाने का साबुन और डिटर्जेंट बनाकर इनसे अच्छी खासी कमाई कर रही हैं.
डेढ़ लाख रुपए की कमाई
इस समूह में 13 महिलाएं हैं जो इस काम में लगी रहती हैं. बीते कुछ महीनों में इन्हें काफी फायदा मिला है, समूह ने करीब 8 हजार नग साबुन और सर्फ के पैकेट बेच दिए हैं. जिनसे इन्हें करीब डेढ़ लाख रुपए की कमाई हुई है. महिलाओं ने बताया कि इनके प्रोडेक्ट की डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है.
ये है साबुन बनाने की विधि
सोपबेस को कोई भी पात्र में रखकर गर्म करके पिघला दिया जाता है और पिघल जाने के बाद उसे आंच पर से उतारकर उसमें सेंट,अलग-अलग तरह के कलरिंग एजेंट, एलोवेरा लिक्विड को मिलाकर छानकर सांचे में डाल दिया जाता है साबुन में बनने वाले झाग को हटाने के लिए सेलेरिस स्प्रे का प्रयोग किया जाता है. 15 से 20 मिनट सूखने के बाद साबुन बन कर तैयार हो जाता है.1 किलोग्राम सोपबेस से 50-50 ग्राम के 20 नग साबुन बनाए जाते हैं.