छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोंडागांव में खाद और यूरिया का अधिक दाम क्यों...जानिए वजह - खाद की कमी और कालाबाजारी से किसान परेशान

खाद-बीज बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को पैसे देने पड़ते हैं. बकरा मुर्गा खिलाना पड़ता है, इसलिए DAP खाद यूरिया अधिक दाम में बेचते हैं.

fertilizers shop
कोंडागांव में खाद और यूरिया अधिक दाम

By

Published : Jul 2, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Jul 2, 2022, 10:55 PM IST

कोंडागांव: कोंडागांव जिले में खरीफ फसल खेती की शुरुआत के साथ ही किसान तेजी से खेती के कार्यों में जुट चुके हैं. इधर किसानों के साथ-साथ खाद उर्वरक के बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं, जहां एक ओर सहकारी समितियां किसानों को खाद मुहैया करा पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं. वहीं निजी लाइसेंसधारी और बिना लाइसेंसधारी खाद एवं बीज सहित कृषि सामग्री बेचने वाले दुकानदारों की चांदी हो गई है.

खाद दुकानदार का वीडियो वायरल

यह भी पढ़ें:Weather Alerts: क्या होता है मौसम विभाग के अलर्ट और उसके रंग का महत्व ?

खाद की कमी और कालाबाजारी से किसान परेशान:किसानों के लिए एक उचित समय में खेती के लिए खाद मिलने से ही खेती फसल में लाभ होता है. वहीं खाद की सही समय पर उपलब्धता करा पाने में सहकारी समितियां असमर्थ हैं, जिससे किसानों में काफी रोष है. सही समय में खाद ना मिलने से खेती फसल के उत्पादन में कमी होने का खतरा रहता है. इसलिए किसान खाद को निजी दुकानों से ऊंचे दामों में भी लेने विवश हो जाते हैं. जहां किसानों का जमकर शोषण किया जाता है. खाद की कमी और कालाबाजारी से किसान परेशान हैं.

दुकानदार का वीडियो वायरल:सोशल मीडिया में एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें खाद, बीज बेचने वाले एक दुकानदार कह रहा है कि डीएपी खाद का सरकारी रेट 1350 रुपए प्रति बोरी है. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को समय-समय पर पार्टी देना पड़ता है. मुर्गा बकरा भी खिलाना पड़ता है. साथ ही नगद रुपए भी देने पड़ते हैं. इसलिए डीएपी खाद को 1700 से 1800 रुपए में बेचना पड़ता है. ऐसा केवल वह नहीं कह रहा क्षेत्र में सभी दुकानदारों के साथ ऐसा ही हाल है.

बीते कुछ दिन पहले कोंडागांव से कृषि विभाग के सहायक संचालक चंद्रशेखर कश्यप, SADO आनंद नेताम और RAEO अनिल नेताम सहित कई अधिकारी आए. पार्टी देने को कहा तो उसने उनको बकरा पार्टी भी दिया. इतना ही नहीं SADO आनंद नेताम तो हमेशा जब भी आता है. फ्री में बीज के पैकेट लेकर जाता है. सुचारू रूप से दुकान संचालन के एवज में कृषि विभाग के अधिकारियों को नगद भुगतान भी करते रहना पड़ता है. जिसके कारण सभी दुकानदार खाद को दाम बढ़ाकर बेचने मजबूर है.

Last Updated : Jul 2, 2022, 10:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details