केशकाल:इलाके में हुई गिरदावरी को लेकर सवाल खडे़ हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनका रकबा कम कर दिया गया है. जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. कई एकड़ खेतों में 60% प्रतिशत धान लगाए जाने के बाद भी गिरदावरी ऑनलाइन प्रविष्टि में उनका रकबा शून्य कर दिया गया है. गिरदावरी रिपोर्ट में पटवारियों की लापरवाही ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. अब इसे जिला प्रशासन सुधारने में लगी है. 3 दिन में किसानों को शिकायत देने के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी कर दिया गया है.
गिरदावरी ऑनलाइन प्रविष्टि में गड़बड़ी बता दें कि जिले में एक किसान ने इसी गिरदावरी में कम रकबा दिखने के कारण आत्महत्या भी कर चुका है.बड़ेराजपुर ब्लॉक के ग्राम मारंगपुरी निवासी धनीराम मरकाम को जब धान की फसल का रकबा घटने और इस साल 11 क्विंटल ही धान बेचना बताया गया तो परेशान किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.
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महत्वपूर्ण भूमिका पटवारी की
किसानों ने पटवारी के काम पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि बिना खेत देखे ही गिरदावरी का काम किया गया है. ऐसे में धान की जगह मक्का और मक्के तिलहन जैसी फसल दिख रही है. गिरदावरी में गड़बड़ी के कारण किसान परेशान हैं. हांलाकि किसानों को राहत देने की बात प्रशासन की ओर से कही गई है.
कई किसानों का रकबा शून्य
बड़ेराजपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पिटिचुआ के निवासी नकछेड़ा वट्टी ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष 114 क्विंटल धान बेचा था. इस साल जब टोकन कटाने गया तो वहां पर सिस्टम में शून्य दिखा रहा है. इसी प्रकार मारंगपुरी निवासी चमार राम जो 2.15 एकड़ में धान लगाया हुआ है लेकिन सिस्टम में उनका रकबा शून्य दिखा रहा. किसान उत्तम कुमार नाग ने भी बताया कि उनके दो पट्टे में 11 एकड़ जमीन है और पिछले साल 90 क्विंटल धान बेचा था लेकिन इस बार शून्य दिखा रहा है.
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गलतियां सुधारने में जुटा जिला प्रशासन
अब शासन-प्रशासन अपनी गलतियों को सुधारने में लगे हुए हैं. कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कार्य मे लापरवाही बरतने वाले मारंगपुरी पटवारी डोंगर नाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं तहसीलदार एचआर नायक को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. केशकाल एसडीएम दीनदयाल मंडावी ने कहा कि कलेक्टर के निर्देशानुसार किसानों को होने वाली परेशानियों और समस्याओं के निराकरण के लिए टोल फ्री नंबर जारी कर दिया गया है. ऐसे किसान जिनके रकबे में गिरदावरी ऑनलाइन प्रविष्टि में त्रुटि हुआ हो वे किसान 3 दिन के भीतर संबंधित पटवारी को जानकारी दे सकते हैं.