कोंडागांव: जीवन की मूलभूत आवश्यकता में से सबसे जरूरी चीज है एक उत्तम स्वास्थ्य, एक अच्छा और सेहतमंद स्वास्थ्य पाने के लिए हर कोई उचित खान-पान के साथ साथ योगा और अन्य व्यायामों का अभ्यास रोजाना करते हैं और इस ओर शासन-प्रशासन की ओर से भी अनेकोनेक योजनाएं संचालित की जा रही है. कोंडागांव जिले का अधिकांश क्षेत्र वनांचल और नक्सलग्रस्त है. फिर भी बीते दिनों में शासन-प्रशासन के प्रयासों से नक्सली बैकफुट पर हैं और पहुंचविहीन क्षेत्रों तक भी शासन-प्रशासन की योजनाएं अब पहुंच रही हैं.
बहरहाल हम बात कर रहे हैं. एक सेहतमंद स्वास्थ्य की. जिसके लिए शासन-प्रशासन की ओर से अनेकोनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. कभी- कभी मानव शरीर में मौसम बदलने और प्रतिकूल परिस्थितियों और वातावरण एवं अन्य कारणों से स्वास्थ्य संबंधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं. जिनके उपचार की जरूरत होती है. ताकि स्वास्थ्य लाभ मिल सके. इसके लिए शासन-प्रशासन की ओर से लगातार अनेकों योजनाएं चलाकर प्रयास किया जा रहा है.
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स्वास्थ्य सुविधा का अभाव
कोंडागांव से लगभग 30 किलोमीटर दूर चिमड़ी ग्राम पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन नहीं है. यहां के लोग स्वास्थ्य सेवा की सुविधा के लिए तरस रहे हैं. छोटी सी छोटी बीमारी के लिए भी ग्रामीणों को 10 किलोमीटर दूर बेनूर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. चिमड़ी ग्राम पंचायत की आबादी पहले जनगणना अनुसार लगभग 2500 है जो मर्दापाल-बयानार-भाटपाल मार्ग में है. जो कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आता है. इस गांव के दोनों ओर के पहुंच मार्गों में नारायणपुर विधानसभा का क्षेत्र है.
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ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य सुविधा के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. 2014-15 में कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम की ओर से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का शिलान्यास किया गया था. 23 लाख की लागत से बनने वाले इस उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का काम शुरू भी हुआ लेकिन कुछ माह बाद भवन निर्माण कार्य अधूरा छोड़कर ठेकेदार भाग खड़े हो गए. तभी से यह भवन अधूरा है.
नहीं हुआ स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण
उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन नहीं होने से चिमड़ी के ग्रामीणों में काफी नाराजगी भी देखने को मिल रही है. ग्रामीणों ने क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम पर आरोप लगाया कि जब चुनाव आता है तो मोहन मरकाम आते हैं और वादा करके चले जाते हैं. लेकिन यह भवन आज तक निर्मित नहीं हो सका है.