कोंडागांव : प्रदर्शन में उपस्थित वक्ताओं ने केंद्र के मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ''आज जिस प्रकार से केंद्र की मोदी सरकार इन सरकारी संस्थाओं में जमा देश के आमजनों के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को अडानी समूह जैसी संस्थाओं में निवेश करके देश की जनता के साथ छल कर रही है वो घोर निंदनीय है. देश की संपति के साथ खिलवाड़ करने वाले मोदी मित्रों पर क्यों ED, सीबीआई, IT मेहरबान है. क्यों इन पर मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए हैं.पहले ही विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे भगौडे देश को करोड़ों का चूना लगाकर भाग चुके और अब अडानी ग्रुप जिस पर विश्व के सबसे बड़े घोटाले का आरोप लग चुका है उस पर केंद्र सरकार मौन है. ठीक उसी प्रकार चीन की सीमा पार करने पर मौन है?.''
सुप्रीम कोर्ट से जांच करवाने की मांग : SBI, LIC करोड़ों भारतीयों का जमा पूंजी का रख रखाव करता है. उस पर ही मोदी मित्र अडानी का सेंध लगा हुआ है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी एक शब्द नही बोलेंगे .क्योंकि टेलीविजन मीडिया चैनल से मोदी-मोदी का नाम हट जायेगा और चुनावी फंडिंग भी.इसलिए मोदी मौन धारण कर लिए है. कोंडागांव में धरना प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोंडागांव के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त संसदीय समिति का गठन कर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की निष्पक्ष जांच कराने और केंद्र की मोदी सरकार के LIC एवं SBI समेत अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों में देश की आमजनता की जमा राशि के जबरदस्ती निवेश पर संसद में चर्चा करवाने हेतु आग्रह किया गया है.