kondagaon Viral Video : कलेक्टर ने दिव्यांग को पहुंचाई मदद, वायरल वीडियो देखकर विभाग ने ली सुध
kondagaon Viral Video सोशल मीडिया में सच झूठ और झूठ सच हो जाता है.कुछ ऐसा ही कोंडागांव में हुआ है. यहां एक दिव्यांग का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. जिसके बाद लोगों ने जिला प्रशासन को कठघरे में लेना शुरू किया. ईटीवी भारत ने इस वायरल वीडियो की सच्चाई जानी.
वायरल वीडियो देखकर कलेक्टर ने दिव्यांग को पहुंचाई मदद
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Published : Jul 12, 2023, 2:24 PM IST
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Updated : Jul 12, 2023, 4:15 PM IST
कलेक्टर ने दिव्यांग को पहुंचाई मदद
कोंडागांव : सोशल मीडिया में दिव्यांग रमेश कोर्राम का वीडियो वायरल हुआ. वीडियो को देखने के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरु की. कोई दिव्यांग को मदद नहीं देने के लिए नगरपालिका को कोस रहा था तो कई जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग को कठघरे में लेकर फैसला सुना रहा था.इस वीडियो की जानकारी जब ईटीवी को हुई तो हमारी टीम ने वीडियो की सच्चाई सामने लाने की ठानी.
रमेश कोर्राम कोंडागांव के मरारपारा में रहते हैं. वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने वीडियो को संज्ञान में लेते हुए समाज कल्याण के अधिकारियों को मामले की जांच करने को कहा. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने रमेश कोर्राम की सुध ली. इसके बाद उसे तुरंत मैनुअल ट्राइसाइकिल और बैटरी चलित ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई गई. इसके बाद विभाग ने रमेश कोर्राम को ट्रेनिंग भी दी. लेकिन रमेश कोर्राम ने खुद ही सुविधा वापस कर दी.
''रमेश कोर्राम को मैनुअल ट्राइसाइकिल और बैटरी चलित ट्राइसाइकिल कलेक्टर कोंडागांव के आदेश पर उपलब्ध कराई गई लेकिन उसका एक हाथ बिल्कुल भी काम नहीं करने की वजह से वह दोनों ही ट्राइसाइकिल को चलाने में असमर्थ है.'' ललिता नंदेश्वर,उप संचालक समाज कल्याण विभाग
कलेक्टर ने दिव्यांग को पहुंचाई मदद
ट्राइसाइकिल लेने से किया मना : समाज कल्याण विभाग ने उसे मैनुअल ट्राइसाइकिल और बैटरी चलित ट्राइसाइकिल मुहैया तो करा दिया है लेकिन उसे चलाने में असमर्थ है. क्योंकि मैनुअल ट्राइसाइकिल के हैंड पैडल और हैंडल को चलाने पकड़ने के लिए दोनों हाथ की जरूरत होती है. लेकिन रमेश कोर्राम का एक हाथ शरीर से बिल्कुल चिपका हुआ है. जिसमें किसी भी प्रकार का मूवमेंट नहीं है. ट्राइसाइकिल को हैंडल कर पाने में असमर्थ है. जिससे ट्राइसाइकिल को चलाने के समय दुर्घटना भी हो सकती है. इसलिए उसने ट्राइसाइकिल लेने से मना कर दिया.
''सोशल मीडिया के माध्यम से रमेश कोर्राम की स्थिति के बारे में पता चला. जिसे संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए रमेश कोर्राम को ट्राइसाइकिल उपलब्ध करवाया.लेकिन उसका एक हाथ काम नहीं कर रहा,इसलिए उन्होंने वापस कर दिया.उसका इलाज कर आर्टिफिशियल लिम्ब से उसके हाथों को ठीक करने का प्रयास किया जाएगा. वर्तमान में उसे जीवन निर्वाह भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा है.'' दीपक सोनी,कलेक्टर
रमेश कोर्राम बचपन में दुर्घटना के कारण दिव्यांग हो गया था. लेकिन उसे चलने और काम करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है. लंबी दूरी तय करने के लिए उसे ट्राइसाइकिल की जरुरत हुई. लेकिन जब विभाग ने उसे ट्राइसाइकिल मुहैया करवाई तो वो चलाने में असमर्थ था. इसलिए उसने सुविधा वापस कर दी. वहीं जीवन निर्वाह भत्ता के लिए साल 2018 से रमेश कोर्राम को सरकारी मदद मिल रही है.