मां लिंगेश्वरी मंदिर का ऐसे करें दर्शन कोंडागांव: मां लिंगेश्वरी मंदिर बस्तर ही नहीं बल्कि देश दुनिया में मशहूर है. यह बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में है. फरसगांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत झाटीबन आलोर की पहाड़ियों में मां लिंगेश्वरी देवी का मंदिर है. मान्यता है कि माता के दर्शन से नि:संतान दंपतियों को संतान होती है. यही वजह है कि मां लिंगेश्वरी देवी के मंदिर में दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
साल में एक बार खुलता है मां लिंगेश्वरी का मंदिर:बस्तर में मां लिंगेश्वरी मंदिर साल में एक बार ही खुलता है. इस बार 27 सितंबर यानी बुधवार को मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. आलोर मंदिर सेवा समिति ने यह निर्णय लिया है. मां लिंगेश्वरी देवी गुफा का दरवाजा बुधवार सुबह 5 बजे पूजा अनुष्ठान के बाद खोला जाएगा.
''27 सितंबर 2023 को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए यह मंदिर खोला जाएगा. मंदिर सेवा समिति ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं. श्रद्धालुओं के लिए भंडारा की व्यवस्था मंदिर सेवा समिति करती है.''-विष्णु मरकाम, सदस्य, लिंगेश्वरी मंदिर सेवा समिति
नि:संतान दंपतियों को संतान का आशीर्वाद: मां लिंगेश्वरी को निःसंतान दंपतियों को संतान होने का आशीर्वाद देने वाली देवी के रूप में जाना जाता है. कहते हैं कि निःसंतान दंपत्ति मां का दर्शन कर मंदिर में ही प्रसाद ग्रहण करते हैं तो उन्हें जल्द ही संतान सुख मिल जाता है.
मां लिंगेश्वरी मंदिर में दूर दूर से आते हैं श्रद्धालु: मां लिंगेश्वरी देवी के मंदिर में निःसंतान दंपतियों को एक ककड़ी(खीरा) का प्रसाद दिया जाता है. पति पत्नी को मंदिर प्रांगण में ही बैठकर अपने हाथों से उसे आधा आधा कर खाना होता है. मां लिंगेश्वरी देवी के दरबार में छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचें मां लिगेंश्वरी देवी मंदिर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सड़क मार्ग NH30 के जरिए पहले फरसगांव पहुंचे. फिर ऑटो टैक्सी लेकर करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत झाटीबन आलोर पहुंचा जा सकता है. यहीं मां लिंगेश्वरी देवी का मंदिर है.
एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं श्रद्धालु: मां लिंगेश्वरी मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है. हर साल एक दिन पहले ही लोग पहुंच जाते हैं और शाम को मंदिर का पट खुलने का इंतजार कर लाइन में लगे रहते हैं. आधी रात से श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग जाती है.