कोंडागांव: जिले में इन दिनों खरीफ फसल लेने किसान खेती कार्यों में जुट गए हैं. लेकिन खाद उर्वरक की किल्लत से किसान परेशान भी (Black marketing of fertilizer is not stopping in Kondagaon) हैं. खाद और उर्वरक सहकारी समितियों/लैंप्स में उपलब्ध नहीं है. किसान सोसायटी के चक्कर काटने को मजबूर हैं.लिहाजा अब किसान ऊंचे दामों में खाद खरीदने को मजबूर हैं. कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में कुल 149 खाद बीज लाइसेंसधारी विक्रेता हैँ. जिन्हें DAP ₹1350 और यूरिया ₹266.50 में बेचना चाहिए. लेकिन किसानों का कहना है कि सहकारी समिति/लैंप्स उन्हें खाद उर्वरक सही समय पर उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.जिससे अब वो DAP 1600 से 2000 रुपए में खरीदने को मजबूर हैं.
नहीं रुक रही खाद की कालाबाजारी, जानिए क्या है वजह ? क्यों हो रही है कालाबाजारी : सोसायटी में कालाबाजारी को रोकने का काम कृषि विभाग के अधिकारियों का (Lack of fertilizer in the society of Kondagaon) हैं.इस बात की जानकारी जिले के हर अधिकारी को है. बावजूद इसके कालाबाजारी करने वाले खाद उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ खाद्य विभाग कार्रवाई नहीं करता.जिससे कालाबाजारी का ये धंधा खूब फल फूल रहा है.
सोशल मीडिया में भी वीडियो वायरल:पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. जिसमें खाद उर्वरक विक्रेता कृषि विभाग के अधिकारियों को मुर्गा बकरा पार्टी देने की बात कह रहा था. जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था. उसके बाद शासन-प्रशासन कुछ दिन हरकत में आया. समीक्षाओं का दौर भी चला, नवनियुक्त कलेक्टर दीपक सोनी (Kondagaon Collector Deepak Soni) ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व और कृषि विभाग की टीम गठित कर छापेमार कार्रवाई की जाएगी.लेकिन तब तक किसान मौसम के मुताबिक खेती के लिए जरुरी चीजें ऊंचे दामों में खरीदने को मजबूर है.
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किसान अब लगा रहे आरोप :कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार खाद उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए राजस्व और कृषि विभाग की टीम गठित की (Farmers are buying fertilizer at expensive price in Kondagaon) गई है. लेकिन अब तक नतीजा शून्य ही है. वहीं कार्रवाई नहीं होने से दबी जुबान में लोग कृषि विभाग के अधिकारियों पर ही सांठ-गांठ का आरोप लगा रहे हैं.