कोंडागांव:छत्तीसगढ़ सरकार की 'मलेरिया मुक्त बस्तर' अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य संयोजक अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण कोंडागांव जिले से सामने आया है. यहां के उप स्वास्थ्य केंद्र चिमड़ी की एक महिला स्वास्थ्य संयोजक सुरबाला विश्वास ने अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा और समर्पण भाव की मिसाल पेश की है.
सुरबाला विश्वास 55 साल की हैं, लेकिन जज्बे की कोई नहीं है. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के लिए सुरबाला ने अपनी सहयोगी के साथ उफनती नदी पार की और आश्रित ग्राम चलका के नयापारा पहुंची. बता दें, बस्तर के कई गांव आज भी मुख्य मार्गों से दूर है. यहां तक पहुंचने के लिए सड़कें तक नहीं है, लेकिन ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर 55 साल की स्वास्थ्यकर्मी ने नदी पार कर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की.
चलका पहुंचकर सुरबाला ने ग्रामीणों की मलेरिया जांच की, इसके लिए ग्रामीणों के घरों के साथ-साथ खेतों तक के चक्कर लगाए. गांव में कुल 134 लोगों की जांच की गई. जिसमें 1 व्यक्ति को पीएफ मलेरिया पॉजिटिव निकला, जिसे स्वल्पाहार के साथ मलेरिया की दवाई दी गई.