Chhattisgarh Election Result 2023 LIVE खैरागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की यशोदा वर्मा जीतीं, विक्रांत सिंह को हराया
Khairagarh Chhattisgarh Vidhan Sabha Chunav Result 2023 News Updates छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा सीट पर कांटे के मुकाबले के बीच कांग्रेस ने जात हासिल किया है. कांग्रेस की याशोदा वर्मा ने बीजेपी के विक्रांत सिंह को इस सीट पर करारी शिकश्त दी है. LIVE Khairagarh, Chhattisgarh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates
खैरागढ़ विधानसभा सीट
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Published : Aug 20, 2023, 8:34 PM IST
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Updated : Dec 3, 2023, 7:31 PM IST
खैरागढ़ छुईखदान गंडई: छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट खैरागढ़ में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. अंतिम चरणों तक भारी कशमकश के बीच रमन सिंह के भतीजे और बीजेपी प्रत्याशी विक्रांत सिंह को कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने हरा दिया हैं. दोनों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली. लेकिन अंत में कांग्रेस ने जीत हासिल किया.
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का जातिगत समीकरण: काफी समय से खैरागढ़ वासी इसे जिला बनाने की मांग कर रहे थे. ये पहले राजनांदगांव के अंतर्गत पड़ता था. हालांकि साल 2022 में हुए उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने जीत प्रमाण पत्र मिलने के तीन घंटे के अंदर ही इसे जिला घोषित कर दिया. सीएम की घोषणा के बाद खैरागढ़ छुईखदान गंडई नया जिला बना. ये जिला राजनांदगांव से अलग हुआ है. इस जिले में एक ही विधानसभा सीट खैरागढ़ है. यहां से यशोदा वर्मा विधायक थी. इस पूरे क्षेत्र में लोधी समाज की बहुलता है. खैरागढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी ने विक्रांत सिंह को प्रत्याशी बनाया, जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भांजे हैं.
जानिए कौन हैं विक्रांत सिंह:विक्रांत सिंह खैरागढ़ के बाजार अतरिया क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य व जिला पंचायत राजनांदगांव के उपाध्यक्ष हैं. भाजपा के कई पदों पर रह चुके हैं.खैरागढ़ महाविद्यालय में 2001-2002 में हुए चुनाव से राजनीति की शुरुआत करने वाले विक्रांत सिंह 2 बार नगर पंचायत खैरागढ़ के अध्यक्ष रहे. जनपद पंचायत खैरागढ़ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. विक्रांत सिंह के पास भाजयुमो संगठन में काम करने का भी अनुभव है. वे भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी काम कर चुके हैं. विक्रांत सिंह पिछले 15 सालों से पूरे खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं.
अभी कौन हैं खैरागढ़ से विधायक:खैरागढ़ से यशोदा वर्मा विधायक हैं. साल 2022 में यशोदा वर्मा ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. यशोदा राजनांदगांव जिला पंचायत की सदस्य रह चुकी हैं. इसके अलावा वह जनपद पंचायत सदस्य और अपने गांव में भी सरपंच रह चुकी हैं.चुनाव में यशोदा वर्मा ने भाजपा के कोमल जंघेल को 20 हजार से भी अधिक वोटों से हराया था.
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का महत्व समझिए: काफी समय से खैरागढ़ वासी इसे जिला बनाने की मांग कर रहे थे. ये पहले राजनांदगांव के अंतर्गत पड़ता था. हालांकि साल 2022 में हुए उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने जीत प्रमाण पत्र मिलने के तीन घंटे के अंदर ही इसे जिला घोषित कर दिया.सीएम की घोषणा के बाद खैरागढ़ छुईखदान गंडई नया जिला बना. ये जिला राजनांदगांव से अलग हुआ है. इस जिले में एक ही विधानसभा सीट खैरागढ़ है. यहां से यशोदा वर्मा विधायक हैं. इस पूरे क्षेत्र में लोधी समाज की बहुलता है.
खैरागढ़ के प्रमुख मुद्दों के बारे में जानिए :इस क्षेत्र में रोजगार, सड़क, बिजली की समस्या मुख्य चुनावी मुद्दा है. जिला बनने के बाद यहां के लोगों की कई मांगें लंबित है. यहां सड़क और गंदे नाली की समस्या प्रमुख मुद्दा है. यहां का वनांचल क्षेत्र साल्हेवारा, गंडई भी विकास की बाट जोह रहा है. इस सीट पर युवाओं का रोजगार भी बड़ा मुद्दा है. इस इलाके का कई क्षेत्र जिला बनने के बाद भी विकसित नहीं हुआ है. रोजगार न होने से युवा परेशान हैं. इस बार क्षेत्र के लोग बड़े उद्योग और रोजगार की मांग को लेकर वोट करेंगे.
साल 2018 का विधान सभा चुनाव और साल 2022 उपचुनाव की कैसी रही तस्वीर:साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग होकर देवव्रत सिंह ने जेसीसीजे से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. देवव्रत सिंह ने भाजपा के कोमल जंघेल को हराकर यह विधानसभा सीट जेसीसीजे की झोली में डाल दिया. हालांकि देवव्रत सिंह की अचानक मौत हो गई. इसके बाद साल 2022 में यहां उपचुनाव हुए. 2022 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को हराया. कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा को 87879 वोट मिले थे. कांग्रेस का वोट प्रतिशत 52.97 था. वहीं भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 67703 वोट मिले थे. भाजपा का वोट प्रतिशत 40.81 था.
लोधी समाज यहां साबित होता है विनिंग फैक्टर:खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी लोधी समाज की है. खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वनांचल में आता है. इस सीट पर लोधी समाज निर्णायक की भूमिका निभाते हैं. इस क्षेत्र में साहू और ओबीसी समाज के वोटर भी हैं.